…अब भारत-पाक सीमा पर परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर

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नई दिल्ली। असम व पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव में घुसपैठ को भाजपा अहम मुद्दा बना रही है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा द्वारा इसे मुद्दा बनाया गया था। यही वजह है कि केंद्र की मोदी सरकार पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा की सुरक्षा को और कड़ी करने जा रही है। सरकार द्वारा बनाए गए योजना के तहत सीमा पर अब पांच-स्तरीय सुरक्षा की जाएगी।

पश्चिमी क्षेत्रों के सीमा पर चौबीस घंटे की सुरक्षा की तैयारी शुरू कर दी गई है। सीमापार की हर गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे, नाइट विजन उपकरणों और अर्थ मॉनिटरिंग सेंसर्स से नजर रखी जाएगी। यही नहीं लेजर बैरियर, रेडार भी सीमा पर सुरक्षा पुख्ता करने में मदद करेंगे।

पाकिस्तान के साथ लगने वाली 2900 किलोमीटर लंबी सीमा पर सरकार ने कॉम्प्रिहेंसिव बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) को हर समय सुरक्षा मुहैया करवाने की जिम्मेदारी दी है। सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने ये भी फैसला लिया है कि जहां सीमा पर (पठानकोट सीमा के पास) सबसे ज्यादा खतरा है, वहां अधिक से अधिक टास्क फोर्स की तैनाती की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक गृ‍ह मंत्रालय सेना को ऐसा उपकरण देने जा रहा हैं, जो बेहद सेंसेटिव हैं और जरा सी हलचल को भी कैद कर सकते हैं। ऐसे उपकरण सीमा की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होंगे और हर गतिविधि की सटीक जानकारी देंगे। जिससे सेना को काफी हद तक मदद मिलेगी।

 

 

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