वाराणसी: दुर्लभ पांडुलिपियों का संरक्षण संतोषजनक- राज्यपाल

कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विस्तार भवन में चल रहे पाण्डुलिपि संरक्षण के कार्यों को देखा.

0

उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल ने बुधवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विस्तार भवन में चल रहे पाण्डुलिपि संरक्षण के कार्यों के तीनों प्रकारों प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और मेटाडाटा की गतिविधियों को देखा और उसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की. उन्होंने चल रहे कार्यों पर संतोष जाहिर करते हुये बचे काम में गति लाने का निर्देश दिया ताकि यह प्रमाणिक कार्य नियत समय पर पूर्ण हो, साथ ही उसका प्रकाशन भी समय पर संपादित हो.

राज्यपाल विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन पुस्तकालय में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन पाण्डुलिपि संरक्षण के द्वारा संरक्षण के कार्यों का अवलोकन करने के बाद उक्त बातें कहीं.

सात प्रमुख दुर्लभ पांडुलिपियों का अवलोकन

इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि महामहिम कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय में सन् 1896 में स्थापित सरस्वती भवन पुस्तकालय में संग्रहित 96 हजार दुर्लभ पाण्डुलिपियों के बारे में जानकारी प्राप्त की.

Also Read- Varanasi Top News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भारत माता मंदिर को देख हुईं विस्मित,यहां पढ़ें- वाराणसी की प्रमुख खबरें

साथ ही उनमें से सात प्रमुख पाण्डुलिपियों श्रीम‌द्भागवतम्, रासपच्चाध्यायी- सचित्र, भागवतगीता, दुर्गासप्तसती, यंत्रराजकल्पः, सिंहासन बत्तीसी और कृषि पद्धति का बारिकी से निरीक्षण कर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की.

डोरदार ढंग से हुआ स्वागत और अभिनंदन

विश्वविद्यालय पहुंची कुलाधिपति का स्वागत कुलपति प्रो० बिहारी लाल शर्मा, कुलसचिव राकेश कुमार एवं प्रो० रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो० रामपूजन पाण्डेय, प्रो० जितेन्द्र कुमार, पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो० राजनाथ, विनयाधिकारी प्रो० दिनेश कुमार गर्ग ने पुष्प गुच्छ एव अंगवस्त्रम् देकर उनका जोरदार स्वागत एवं अभिनन्दन किया.

Also Read- पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निराजल व्रत, जीवित्पुत्रिका पर ममता का उमड़ा सैलाब

वहीं राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के निदेशक डॉ अनिर्वाण दास ने उन्हें पांडुलिपि से संबंधित स्मृति चिन्ह दिया. इस अवसर पर पाण्डुलिपि मिशन के डॉ० दिनेश कुमार तिवारी सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी एवं पांडुलिपि संरक्षण के कर्मचारी आदि उपस्थित रहे.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More