Varanasi Top News: शुभ योग में जितिया व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, यहां पढ़ें- वाराणसी की प्रमुख खबरें
शास्त्रों में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया या जिउतिया व्रत मनाया जाता है.
Varanasi News In Hindi: वाराणसी में पिछले चौबीस घंटे में कई खबरें ऐसी रही जो सुर्खियों में बनी रहीं। इनमें क्राइम और अन्य खबरें शामिल रहीं। पढ़ें इन खबरों के बारे में विस्तार से…
जिउतियाः संतानों के लिए निर्जला व्रत रख महिलाएं आराधना में जुटीं
शास्त्रों में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया या जिउतिया व्रत मनाया जाता है. इसको जीमूत वाहन और जीवित्पुत्रिका का व्रत भी कहा जाता है. इसका पहला दिन नहाय- खाय और वहीं दूसरा दिन खर जितिया कहलाता है. माताएं अपनी जीवित संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत के लिए जिउतिया व्रत रखती हैं. मान्यता के अनुसार व्रति महिलाएं तालाबों, कुंडों, गंगा घाटों और वरुणा तट पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं.
इस दिन महिलाएं लाल या पीले रंग का धागा अपने गले में पहनती हैं. इसमें एक धागा साधारण तरीके का होता है जिसमें तीन जगह गांठें लगी रहती हैं. इसकी गांठें सामान्य होती हैं, जबकि कई महिलाएं अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने के लॉकिट में भी जिउतिया बनवाकर धारण करती हैं.
वाराणसी के बाजारों पर्व की रौनक
वहीं वाराणसी के बाजारों में कई महिलाएं ने जहां धागे वाली जिउतिया गुछवाई तो कुछ महिलाओं ने सोने व चांदी की भी जिउतिया बनवाई. पूजन सामग्री के साथ फलों व अन्य सामानों की भी खरीदारी भी हुई.
संतान की दीर्घायु व सुखी जीवन के लिए रखे जाने वाली जिउतिया व्रत वाले दिन माताओं ने व्रत से जुड़े सामानों की खरीदारी देर रात तक की. लोगों की भीड़ बाजारों में दिखाई पड़ी.
जीमूत वाहन की पूजा करने की परंपरा जिउतिया व्रत
बिहार, नेपाल, उत्तर प्रदेश में जिउतिया व्रत बेहद प्रचलित है. जिउतिया का व्रत भगवान जीमूतवाहन को समर्पित होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ से एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था.
तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाने लगा. कहते हैं बेटे की रक्षा के लिए जीमूत वाहन की पूजा करने की परंपरा जिउतिया व्रत की निभाई जाती है. वहीं यह उत्सव हर्ष और उत्साह से मनाया जाता है क्योंकि महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आती हैं.
जिउतिया व्रत में क्या-क्या चढ़ाया जाता है
जिउतिया व्रत में पूरे दिन और पूरी रात निर्जला उपवास रखने का विधान है. धूप-दीप, अक्षत, रोली और फूलों से पूजा की जाती है. इस व्रत में गोबर से चील और सियारिन की मूर्तियां भी बनाई जाती हैं.
इन पर सिंदूर चढ़ाया जाता है और उसके बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनाकर पूजा को सम्पन्न किया जाता है. यह व्रत सिर्फ धन-संपत्ति या समृद्धि तक सीमित न होकर मातृ प्रेम और मातृत्व का अद्भुत उदाहरण है.
“ग्रीन काशी- क्लीन काशी” संदेश को मिलेगा बढ़ावा, 27 अक्टूबर से उत्कर्ष मैराथन की शुरूआत
“ग्रीन काशी- क्लीन काशी” के संदेश को बढ़ावा देने के लिए उत्कर्ष मैराथन का आयोजन किया गया है. इसके लिए 27 अक्टूबर को कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस आयोजन की घोषणा मंगलवार को वाराणसी जिलाधिकारी एस. राजालिंगम ने की है. कार्यक्रम में एकल उपयोग प्लास्टिक बैग की बजाय जूट और पुनः बनाने वाले कागज के बैग का उपयोग किया जाएगा.
इस दौरान प्रतिभागियों को प्रदान की जाने वाली टी-शर्ट और अन्य सामान जैविक होंगे. इसमें नागरिकों, संगठनों और हितधारकों को एक साथ लाकर पर्यावरण संरक्षण और एक साफ-सुथरे और स्वस्थ शहर की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी.
पयर्यावरणीय रूप से जागरूक जीवनशैली
इस कार्यक्रम में बॉक्सिंग चैंपियन श्रीमती मैरी कॉम ब्रांड एंबेसडर होंगी. इस अवसर पर गोविंद सिंह प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा है कि उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक काशी शहर में एक स्थायी और पयर्यावरणीय रूप से जागरूक जीवनशैली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. मैराथन 3.0 इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
Also Read- पुलिस ने ई-रिक्शाा चालक यूनियन के अध्यक्ष को भेजा जेल, शास्त्री घाट से आंदोलनकारियों को खदेड़ा
मैराथन की शुरूआत और समापन
यह मैराथन सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर से शुरू होगी. मक़बूल आलम रोड, पुलिस लाइन तिराहा, भोजूबीर, अतुलानंद चौराहा, सेंट्रल जेल रोड, फुलवरिया पुल होते हुए दौड़ वापस सम्पूर्णानंद आकर समाप्त होगी.
इस अवसर पर हिरदेश कुमार उप पुलिस आयुक्त, हिमांशु नागपाल, सीडीओ प्रमुख रुप से मौजूद रहें.
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलनः वाराणसी में चलेगा नाइट ब्लड सर्वे
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में शीघ्र ही नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) शुरू किया जाएगा. इसी के मद्देनजर मंडलीय अपर निदेशक (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) कार्यालय सभागार में जिले के ग्रामीण सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लैब टेक्नीशियनों और लैब सहायकों को प्रशिक्षण दिया गया.
33 प्लानिंग साइट पर सर्वेक्षण का काम
प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यक्षता मण्डलीय अपर निदेशक डाक्टर एम.पी. सिंह ने किया. उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान के अनुसार सभी 33 प्लानिंग साइट पर सर्वेक्षण का कार्य सुनिश्चित किया जाए.
Also Read- कोविड19 के उपचार में कारगर साबित हो सकती है बीएचयू की यह खोज, मिला पेटेंट
प्लानिंग साइट पर सर्वजन दवा सेवन अभियान
इसमें फाइलेरिया के सभी लक्षण, कारण, जांच, निदान, उपचार एवं प्रबंधन आदि की भी जानकारी दी गई. इस दौरान डॅा. अमित सिंह ने बताया कि नवम्बर में जिले के सभी ब्लाकों में ट्रांसमिशन असेसमेंट नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा.
यदि इसमें माइक्रो फाइलेरिया (एफएफरेट) दर प्रतिशत से अधिक रहेगी तो उसी प्लानिंग साइट पर सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा. एमएफ दर एक प्रतिशत से कम रहेगी तो हम फाइलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर रहेंगे और आईडीए अभियान का संचालन नहीं किया जाएगा.