कुशीनगर में नकली नोट बनाने का भंडाफोड़, सपा नेता संग 10 गिरफ्तार

5.62 लाख रुपये,10 तमंचे, चार बम आदि बरामद किए

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कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में आज पुलिस ने नकली नोट का कारोबार करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस दौरान 5.62 लाख रुपये के जाली नोट के साथ 10 तमंचे, चार बम आदि बरामद किए हैं. पुलिस इस गैंग के मास्टर माइंड को समाजवादी पार्टी से जुड़ा नेता बताया है.

पुलिस ने मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार…

बता दें कि, पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जाली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया है . पुलिस ने उसकी पहचान मोहम्मद रफीक अहमद के रूप में की है. पुलिस ने बताया कि मोहम्मद रफीक अहमद समाजवादी लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव है. इतना ही नहीं इसके खिलाफ कई थानों में 11 गंभीर आपराधिक मामलें दर्ज हैं. गिरोह के अन्य सदस्य औरंगजेब पर आठ गंभीर मुकदमें, नौशाद पर 4 मुकदमें, परवेज इलाही पर 8 मुकदमे, शेख जमालुद्दीन पर 4 मुकदमे और नियाजुद्दीन उर्फ मुन्ना के खिलाफ भी कई मुकदमें दर्ज हैं.

भारी मात्रा में पैसा और असलहा बरामद

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी ज्यादातर डाली नोटों का कारोबार यूपी- बिहार के साथ नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में करते थे. पुलिस के अनुसार इनके तार पड़ोसी देश नेपाल में भी जुड़े थे. नेपाल से जुड़े होने के चलते यह मामला कुशीनगर के पास आया और जाली नोटों के कारोबार करने वाले गैंग के पास से 5.62 लाख की जाली नोट, जाली करेंसी से परिवर्तित किए गए 1 लाख 10 हजार रुपये , नेपाल राष्ट्र की तीन हजार की करेंसी के साथ कई हथियार बरामद किए गए हैं.

5 थानों की पुलिस ने मिलकर की कार्रवाई

गौरतलब है कि इस पूरे ऑपरेशन को एसपी संतोष मिश्रा की अगुवाई में 5 थानों की पुलिस टीम ने अंजाम दिया. जानकारी के मुताबिक कुशीनगर क्षेत्र नेपाल की सीमा के पास ही है इसलिए अक्सर यहां स्मगलिंग और ऐसी ही घटनाएं सामने आती रहती हैं.

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पहले साइकिल और अब कार…

इतना ही नहीं पुलिस ने यह भी बताया कि नकली नोटों की तस्करी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य अकूत संपत्ति के मालिक बन गए हैं. पहले जो साइकिल से चलते थे अब वह कार से चलते हैं. इतना ही नहीं पिछले पांच साल में इनके पास ट्रक, मकान और दुकानें हो गई. मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान के परिवार की आर्थिक स्थिति सपने की तरह बदल गई. आठ साल पहले टेंपो चलाने वाले रफीक की हैसियत इतने कम समय में कैसे बदली, इसे लेकर पुलिस छानबीन में जुटी है.

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