क्या आपको पता है ! कब,कहां और आखिर कैसे करा सकते हैं FIR
नए कानून लागू होने के बाद नए प्रावधान और डिजिटल विकल्प मौजूद हैं.
FIR यानी (प्रथम सूचना रिपोर्ट), किसी आपराधिक घटना या अपराध से पीड़ित की तरफ से दी गई शिकायत पर पुलिस का रिकॉर्डेड डॉक्यूमेंट है. अक्सर FIR दर्ज न होने के विवाद को लेकर पुलिस पर सवाल उठते रहते हैं. इसका कारण है कि पीड़ित को एफआईआर दर्ज कराने में दिक्कतें आती है, लेकिन नए कानून लागू होने के बाद नए प्रावधान और डिजिटल विकल्प मौजूद हैं. आइए जानते हैं इन्हीं के बारे में..
समझिए, कैसे-कैसे की जा सकती है एफआईआर
किसी भी अपराध या वारदात की जांच में FIR सबसे जरूरी डॉक्यूमेट है. आगे की कानूनी कार्रवाई इसी के आधार पर की जाती है. FIR दर्ज कराने के लिए थाने जाकर मौखिक या लिखित बयान देना होता है. एफआईआर दर्ज कराने के लिए पीसीआर कॉल से मिली सूचना पर भी कार्रवाई की जाती है. आप पुलिस की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन FIR दर्ज करा सकते हैं. इसकी कॉपी थाने से मिलेगी.
खुद संज्ञान लेकर FIR कर सकती है पुलिस
अगर किसी के पास किसी संगीन वारदात की जानकारी है, तो यह नजदीकी पुलिस थाने में FIR दर्ज करा सकता है. अगर किसी पुलिस अफसर को अपराध की जानकारी मिलती है तो वह खुद संज्ञान लेकर FIR फाइल कर सकता है.
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FIR में आपका नाम, पता, तारीख, समय, वारदात की जगह, सूचना देने का समय व अन्य जानकारी होती है. इसमें कोई भी गलत जानकारी या तथ्यों को तोड़-मरोड़कर न बताएं.
‘0’ एफआईआर भी एक विकल्प
‘0’ एफआईआर भी एक विकल्प है. इसे किसी भी पुलिस थाने में दर्ज कराया जा सकता है.., या जिसने अपराध होते देखा है, किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआईआर दर्ज करा सकता है.
बाद में जीरो एफआईआर को संबंधित पुलिस थाने से ट्रांसफर कर दिया जाता है, जहां उस पर आगे की कार्रवाई होती है.
ऑनलाइन FIR की सुविधा भी मौजूद
कानूनी तौर पर FIR दर्ज कराना किसी भी पीड़ित का सबसे पहला कदम है. ऑनलाइन के लिए एफआईआर पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज की जाती है. EFIR में पीड़ित को ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर जाकर डिजिटल रूप में शिकायत जमा करनी होती है.
E FIR में आपको एक ट्रैकिंग नंबर मिलता है जिससे आप केस का स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं. नए नियमों में तीन दिन के भीतर थाने जाना होगा.
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इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से भी करा सकते हैं FIR
इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के जरिए भी FIR लिखी जा सकती है. यानी कि ई-मेल, वट्सऐप, और सीसीटीएनएस पोर्टल के जरिए भी FIR दर्ज करवाई जा सकती है. इसके अलावा नए कानून में अब जीरो एफआईआर, समन के लिए SMS जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीको का इस्तेमाल, पुलिस कप्लेट का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और संगीन अपराधों के लिए घटनास्थल की विडियोग्राफी भी शामिल है.