आबुधाबी में भारत की ”शहजादी” को फांसी, क्या है मामला ?

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अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगाते हुए ये है भारत की बेटी शहजादी के माता – पिता जो भारत सरकार से अपनी बेटी की जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं. बांदा की शहजादी एक बार फिर मुस्लिम देश की साजिश की शिकार हुई. यहां पर उसकी जान दांव पर लग गई है. उसे एक साजिश की तहत पहले दुबई बुलाया गया और फिर उसे हत्या के आरोप में फंसा दिया गया. अब कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा के साथ ही शहजादी की मौत की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

जानकारी के अनुसार 20 सितंबर के बाद उसे कभी भी फांसी दी जा सकती है. ऐसे में भारत सरकार की एक कोशिश ही भारत की शहजादी को बचा सकती है. आइए जानते हैं कि भारत की शहजादी का बांदा से आबुधाबी के जेल में फांसी के फंदे तक पहुंचने के पीछे क्या है पूरी साजिश…

फेसबुक के जरिए बिछाया प्यार का जाल

यूं तो हर बेटी अपने मां बाप की शहजादी होती है, लेकिन यहां जिस लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं उस लड़की का नाम ही शहजादी है. जिसको बचाने के लिए उसके माता पिता गुहार लगा रहे हैं. उसके साथ रची गई पूरी साजिश का खुलासा शहजादी के पिता ने कुछ इस प्रकार किया. बताते हैं कि आज से करीब चार साल पहले कोविड के दिनों में जब हर कोई घरों में कैद था और मनोरंजन का साधन एकमात्र टीवी और इंटरनेट ही रह गया था. उस दौरान लोग धड़ल्ले से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. उसी दौरान शहजादी की जिंदगी में भी एक दोस्त का आगमन होता है जो आगरा का रहने वाला था. उसका नाम उजैद था. फेसबुक के माध्यम से हुई दोनों की दोस्ती कुछ ही समय में प्यार में बदल गई थी.

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डेढ़ लाख में शहजादी का किया सौदा

पिता के अनुसार शहजादी का चेहरा बचपन में हुए हादसे की वजह से जल गया था. वह उसको लेकर काफी परेशान रहा करती थी. लेकिन फिर भी वह इन सब हालातों को नजर अंदाज कर अपने ही शहर बांदा की रोटी बैंक में काम किया करती थी. उजैद से बातचीत के दौरान, शहजादी ने चेहरे के अपने जले के निशान का जिक्र किया . उजैद उसे दुबई जाने की सलाह दी और कहा कि वह आबुधाबी चली जाए वहां उसका इलाज हो जाएगा और रही बात रहने की तो उसके बुआ – फूफा वहां रहते हैं. इसके लिए उजैद ने पहले शहजादी को आगरा बुलाया और फिर डेढ लाख रूपए में अबुधाबी में रहने वाले दंपति फैज और नादिया को बेच दिया. इसके बाद साल 2021 में शहजादी अपने सौदागरों के साथ मजबूरी में आबुधाबी चली गई.

बच्चे की मौत में हुई फांसी

इसके बाद आबुधाबी में पहुंच शहजादी ने अपने माता पिता को बताया कि वहां उसका कोई इलाज नहीं हो रहा है, बल्कि उसे ये लोग उसे नौकरानी बनाकर अपने 4 साल के बच्चे की देखभाल करवाते हैं. वहीं एक दिन बच्चे की इंजेक्शन लगने की वजह से तबीयत खराब चल रही थी. चूंकि उसकी मम्मी एक वर्किंग वुमन थी तो वे बच्चे को शहजादी के भरोसे छोड़कर ऑफिस चली गई. जब वह लौटी तो बच्चे की तबीयत काफी खराब हो चुकी थी.

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बाद में बच्चे की मौत हो गई और परिवार वालों ने बिना पोस्टमार्टम किए बच्चे को शव को दफना दिया. इसके साथ ही उन्होंने बच्चे की मौत का आरोप शहजादी के ऊपर लगा दिया. जब इससे भी मन नहीं भरा तो जबरन शहजादी से साइन करवाया कि बच्चे की हत्या उसने ही की है. फिर यह मामला कोर्ट तक पहुंचा और अब बीते कुछ दिन पहले अबूधाबी की अदालत ने शहजादी को फांसी की सजा सुना दी है.

अब यहां बैठे शहजादी के माता – पिता भारत सरकार से उसे बचाने की गुहार लगा रहे हैं. कह रहे हैं कि पीएम मोदी और सीएम योगी उनकी मदद करें और उनकी बेटी शहजादी को फांसी से बचा लें…अब देखना यह होगा कि वाकई में फांसी के फंदे से भारत सरकार शहजादी को बचा पाती है कि उसे फांसी हो जाएगी.

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