पीपीएफ के नियमों में ये हुए है…बड़े बदलाव, पेंशनर्स को जानना है जरूरी
बच्चे के नाम पर बनाए गए पीपीएफ खाते, एक से अधिक पीपीएफ खातों और डाकघरों के माध्यम से राष्ट्रीय लघु बचत (एनएसएस) योजनाओं के तहत एनआरआई द्वारा पीपीएफ खातों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है.
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. सरकार ने पीपीएफ से जुड़े नियमों में तीन अहम बदलाव किए हैं. ऐसे में अगर आप पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपके लिए ये नियम जानना जरूरी है. वित्त मंत्रालय ने आर्थिक मामलों में बदलाव करते हुए हाल ही में बच्चे के नाम पर बनाए गए पीपीएफ खाते, एक से अधिक पीपीएफ खातों और डाकघरों के माध्यम से राष्ट्रीय लघु बचत (एनएसएस) योजनाओं के तहत एनआरआई द्वारा पीपीएफ खातों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है.
इस गाइडलाइन में सरकार के द्वारा कहा गया है कि बच्चे के नाम खोले गये पीपीएफ अकाउंट में 18 साल का होने तक पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट रेट से ब्याज का भुगतान किया जाएगा. उसके बाद, पीपीएफ के लिए लागू ब्याज दर लागू होगी. मैच्योरिटी का कैलकुलेशन उसके 18वें बर्थडे से किया जाएगा.
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क्या है नई गाइडलाइन
आपको बता दें कि बहुत सारे लोग अपने बच्चे के नाम पीपीएफ खाता खोलते हैं. सरकार की ओर से जारी नए गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी ने एक से ज्यादा पीपीएफ खाता खोला है तो प्राइमरी खाते पर मौजूदा ब्याज दर से ब्याज दिया जाएगा. दूसरे यानी सेकेंडरी अकाउंट को पहले वाले में मिला दिया जाएगा.
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वहीं प्राइमरी खाता प्रत्येक वर्ष लागू निवेश सीमा के अंदर हो. विलय के बाद, प्राथमिक खाते पर मौजूदा योजना दर के अनुसार ब्याज मिलता रहेगा.
ध्यान दें कि प्राइमरी और सेकेंडरी खाते को छोड़कर, अन्य सभी खातों पर उनके खुलने के दिन से कोई ब्याज नहीं मिलेगा. उसमें जमा रकम को जीरो फीसदी ब्याज पर वापस कर दिया जाएगा.
30 सितंबर तक पीओएसए ब्याज दर
केवल सार्वजनिक भविष्य निधि योजना (पीपीएफ), 1968 के तहत खोले गए चालू एनआरआई पीपीएफ खाते, जहां फॉर्म एच में खाताधारक की निवास स्थिति के बारे में विशेष रूप से नहीं पूछा गया है, को खाताधारक (भारतीय नागरिक जो खाते की अवधि के दौरान एनआरआई बन गया है) को 30 सितंबर तक पीओएसए ब्याज दर दी जाएगी.