प्रतिवर्ष कुल 24 एकादशी व्रत होते है, वही एक महीने में दो एकादशी व्रत रखें जाते है. शास्त्रों में हर महीने पड़ने वाली एकादशी का अलग ही महत्व बताया गया है, वही भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली इस एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसको लेकर लोगों में यह मान्यता है कि, इसका व्रत करने से पापों का नाश होता है. साथ ही इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन इस साल की एकादशी को लेकर लोगों में कंफ्यूजन चल रही है कि, यह कब पड़ेगी 28 या 29 अगस्त को…?
तो आपकों बता दें कि, इस साल की भाद्रपद की एकादशी 29 तारीख को पड़ने वाली है, हालांकि, कुछ लोग अज्ञानतावश आज इस व्रत को कर रहे है. लेकिन यदि पंचांग पर नजर डालेंगे तो, इस साल की भाद्रपद एकादशी कल पड़ रही है. इसके साथ ही इन तीन दुर्लभ संयोग भी बनते नजर आ रहे है.
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी. योजनानुसार, अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त, गुरुवार को रखा जाएगा. इस बार की अजा एकादशी में तीन शुभ संयोग बन रहे हैं.
इस संयोग में करें पूजा
पहला संयोग यह है कि, भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है. गुरुवार को शास्त्रों में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है. वही दूसरा संयोग अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो 29 अगस्त की शाम 4:39 बजे से शुरू होकर 30 अगस्त की सुबह 5:58 बजे खत्म होगा. तीसरा संयोग यह है कि, व्रत वाले दिन सुबह सिद्धि योग होगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा यानि इन संयोगों में भगवान नारायण हरि की पूजा करने से लोगों को उनकी विशेष कृपा मिलेगी.
पूजन विधि
-अजा एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ कपड़े पहनें.
-सुबह सूर्य देवता का ध्यान करें और तांबे के लोटे से उन्हें जल चढ़ाएं.
-अजा एकादशी के दिन एक चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा रखें.
-पीले पुष्प, वस्त्र, फल और मिठाई से भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.
-फिर धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाकर आरती करें और व्रतकथा पढ़ें.
-अंत में भगवान शिव को भोग लगाकर दूसरों को भोजन देकर खुद भी भोजन करें.
-पूजा के बाद गरीबों और असहाय लोगों को फल, अनाज, कपड़े आदि दे सकते हैं.
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इस एकादशी का महत्व
ऐसी मान्यता है कि, अजा एकादशी का विधि-विधान से व्रत रखने से गरीबी दूर होती है, घर में खुशी और सुख आता है. अजा एकादशी का व्रत रखें जो लोग कर्जदार हैं या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. श्रीहरि की कृपा से व्यक्ति को ऋण से छुटकारा मिलता है. अजा एकादशी का व्रत करने से संतान खुश रहती है और मुसीबत दूर होती है. विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने से पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति मरने पर स्वर्ग जाता है.