वाराणसी में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि पर कुरानख्वाानी
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को उनकी 18वीं पुण्यतिथि पर वाराणसी में याद किया गया. बुधवार को दरगाह फातमान स्थित उनके मकबरे पर कुरानख्वानी की गयी. इस मौके पर उस्ताद के पौत्र आफाक बिस्मिल्लाह ने मकबरे पर शहनाई बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं प्रधानमंत्री के दूत के तौर पर आए भाजपा के प्रवक्ता् सैयद जफर इस्लाम ने भी मकबरे पर पहुंचकर पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि दी.
मातमी धुन बजाकर दी श्रद्धांजलि
उस्ताद के मकबरे पर पहुंचे लोगों ने उनकी कब्र पर फूल अर्पित किए. वहीं घर की महिलाओं ने कब्र के पास बैठकर कुरानख्वानी की. इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बेटे भी दरगाह फातमान पहुंचे. इसके अलावा शिया संप्रदाय के लोगों ने भी मकबरे पर मोहर्रम के कारण नौहाख्वानी और मातम किया. मातमी धुन बजाकर श्रद्धांजलि दी गयी.
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उस्ताद के पौत्र ने बताया कि उस्ताद मोहर्रम पर नंगे पैर रहकर शहनाई पर मातमी धुन बजाया करते थे. पांच मोहर्रम और आठ मोहर्रम के जुलूस के फातमान पहुंचने के पहले वे इसी जगह मातमी धुन पेश करते थे. उन्होंने बताया कि मातमी धुन सभी लोग रोने लगते थे. उधर, भाजपा के प्रवक्ता जफर ने बताया कि उस्ताद बिस्मिल्लााह खां किसी परिचय के मोहताज नहीं थे. वह वो फनकार थे जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है.
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