वाराणसी: डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन कर निकाली रैली, मरीज रहे हलकान…

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वाराणसी: बंगाल में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और निर्मम हत्या की घटना का पूरे देश में विरोध हो रहा है. इसी क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सुंदर लाल चिकित्सालय के रेजिडेंट डाक्टरों ने इस घटना के दोषियों को फांसी सजा की मांग को लेकर जहां विरोध प्रदर्शन किया वहीं रैली भी निकाली. साथ ही सभा कर चेतावनी दी कि जब तक हम लोगों की बातें नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. दूसरी ओर पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले यहां के अस्पताल में हड़ताल के चलते चिकित्सा व्यवस्था चरमरी गई है.इसके चलते मरीजों संग उनके साथ ए तीमारदारों को काफी परेशानीका सामना करना पड़ रहा है. आईएमएस के डायरेक्टर रेजीडेंट डॉक्टरों को काम पर लौटने का अपील भी कर चुके हैं परंतु इनके ऊपर उसका भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए सैकड़ों डॉक्टर

बता दे कि पिछले तीन दिनों से सुंदर लाल चिकित्सालय के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. महिला डाक्टर की निर्मम हत्या के विरोध में सर सुंदरलाल चिकित्सालय के रेजिडेंट डॉक्टर विभिन्न प्रकार से अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं. पहले दिन डॉक्टर हड़ताल पर चले गए जिससे मरीजों को काफी समस्याएं हुई. दूसरे दिन रेजिडेंट डॉक्टरों ने बीएचयू कैंपस से सिंह द्वार तक कैंडल मार्च निकाला और आज तीसरे दिन रेजिडेंट डॉक्टरों ने हाथों पर काला पट्टी बांधकर सर सुंदरलाल चिकित्सालय और मल्टी सुपर स्पेशलिटी में विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाली.

इसके पूर्व सभी रेजीडेंट डॉक्टरों ने एक दूसरे के कलाई पर काली पट्टी बांधी और विरोध प्रदर्शन करते हुए आईएमएस व्याख्यान शंकुल से निकलकर आईएमएस गेट के बाद मल्टी सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक होते हुए पुन: आईएमएस बिल्डिंग पहुंचे और सभा की. विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ो की संख्या में रेजीडेंट डॉक्टर शामिल रहें. रैली में शामिल डाक्टर नारेबाजी करते हुए चल रहे थे.
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं मरीज

गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. यहां पूरे पूर्वांचल व बिहार से गरीब तबके के लोग अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. डाक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों का इलाज नहीं होने के कारण वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं. बता दे कि जो गरीब और निम्न तपके के हैं वे रेजिडेंट डॉक्टरों के लौटने का आस जोह रहे हैं. अस्पताल परिसर में मरीज स्ट्रेचर पर लेटे कराहते नजर आए.

नहीं मिला हड़ताल खत्म होने का मैसेज

सभा कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि उन लोगों के लगभग 33 संगठन है परंतु अभी किसी भी संगठन द्वारा हड़ताल खत्म करने का मैसेज उन्हें नहीं मिला है. इस कारण उनका हड़ताल जारी रहेगा.

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सीनियरों संग नहीं है तालमेल

वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि यहां के डायरेक्टर, मेडिकल सुपरीटेंडेंट और डायरेक्टर से हम रेजिडेंट डॉक्टर के साथ काफी गैप है. आरोप लगाया कि अभी तक कोई भी सक्षम अधिकारी उनलोगों से ना तो मिलने आया है और ना ही बातचीत की. बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से सीनियर डॉक्टर मरीज को देख रहे हैं. वहीं मरीजों की भारी संख्या के कारण सीनियर डॉक्टर भी उन्हें देखने में सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं. जो डाक्टर पहले 100-200 मरीजों को देखते थे उन्हें अब 500 से लेकर हजार मरीज तक देखना पड़ रहा है.

वहीं नाम न छापने की शर्त पर एक मरीज ने बताया कि हम यहां कल से आए हैं और आज तक हमें जो डॉक्टर बैठ रहे हैं वह अभी तक देख नहीं पाए. जानकारी मिली कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं जिसके कारण यहां पर यह दुर्व्यवस्था फैल गई है. हम मरीज दूर से सस्ते और अच्छे इलाज के कारण काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय आते हैं और यहां पर यह सब देखकर मन काफी दुखी होता है.

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