एनआईआरएफ रैंकिंग: बीएचयू ने 2023 की रैंकिंग को रखा बरकरार
बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) लगातार दूसरी बार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पांचवें स्थान और ओवरऑल रैंकिंग में 11 वें स्थान पर कायम है.
शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग जारी कर दी है. इसमें वाराणसी स्थित बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) लगातार दूसरी बार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पांचवें स्थान और ओवरऑल रैंकिंग में 11 वें स्थान पर कायम है. आईआईटी बीएचयू ने ओवरऑल रैंकिंग के साथ प्रौद्योगिकी संस्थानों में एक पायदान की छलांग लगाई है. इसी के साथ संस्थान ओवरऑल में यह 30वें और प्रौद्योगिकी संस्थानों में 10वें स्थान पर पहुंच गया है .
बीएचयू ने रिसर्च, लॉ, कृषि, मेडिकल और डेंटल में भी टॉप-48 में स्थान पाया है . एनआईआरएफ-24 रैंकिंग की ओवरऑल श्रेणी में बीएचयू ने 67.56 अंक अर्जित कर 11 वां स्थान बनाया. 10वें स्थान पर मौजूद जेएनयू से यह लगभग एक अंक पीछे है. अन्य वर्गों में भी बीएचयू ने इस बार उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है.
बीएचयू की ओवरऑल रैकिंग
बीएचयू ने टॉप-40 लॉ कॉलेज में 25वां स्थान, टॉप-40 कृषि संस्थानों में चौथा स्थान, टॉप-50 रिसर्च संस्थानों में 16वां स्थान, मैनेजमेंट में 48वां स्थान, टॉप-50 मेडिकल संस्थानों में सातवां स्थान, और टॉप- 50 डेंटल साइंस में 17वां स्थान और मैनेजमेंट संस्थान 56वें स्थान पर था. इससे पहले 2017 से 21 तक बीएचयू ओवरऑल रैकिंग में तीसरे और 2022 में सातवें स्थान पर रहा था.
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प्रौद्योगिकी संस्थानों में आईआईटी का बेहतरीन प्रदर्शन
वहीं दूसरी तरफ, आईआईटी बीएचयू ने एनआईआरएफ-24 में प्रौद्योगिकी संस्थानों में पांच पायदान की छलांग लगाकर 10वां स्थान हासिल किया है . ओवरऑल रैंकिंग में भी आईआईटी बीएचयू ने एक स्थान का सुधार कर 30वीं रैंक अर्जित किया है. बता दें पिछले वर्ष यह 31 वें स्थान पर था. प्रौद्योगिकी संस्थानों में आईआईटी बीएचयू का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है.
हम बेहतर रैंकिंग हासिल कर सकते हैं- बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन
वहीं इस बड़ी उपलब्धि पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी (बीएचयू) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि हमने वर्ष-2023 से अपनी रैंकिंग में सुधार किया और इस वर्ष भी इस रैंकिंग को बरकरार रखा है.
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हालांकि मेरा मानना है कि हम बेहतर रैंकिंग हासिल कर सकते हैं. गुणवत्तापरक शिक्षा और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने अनेक नए कदम उठाए हैं. श्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने का प्रयास किया है.