बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भगदड़ से आठ लोगों की मौत, जानें बीते सालों में अब कितने मेले,आयोजन में मारे गए लोग ?
सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर बिहार के जहानाबाद जिले के दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है. इसमें बाबा सिद्धनाथ मंदिर में आधी रात में भगदड़ मचने से आठ लोगों की मौत हो गई है. हादसे में मारे जाने वालों में पांच महिलाएं और तीन पुरूष शामिल हैं. वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं तथा 30 से ज्यादा लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. यह जानकारी पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई है.
लाठीचार्ज की वजह से हुआ हादसा
हादसे के बाद बचाव कार्य में जुटी पुलिस ने जख्मी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने इस हादसे का आरोप पुलिस प्रशासन पर लगाया. कहा कि, यह हादसा पुलिस प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज करने की वजह से हुआ है. इसको लेकर जहानाबाद नगर थाना प्रभारी दिवाकर विश्वकर्मा का कहना है कि कई स्रोत से जानकारी प्राप्त हुई है कि भीड़ नियंत्रण में कई तरह की खामी रही है. वरीय अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. घटना दुखद है. जांच में दोषी पाए गए लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
दूसरी ओर पुलिस के मुताबिक, इस भगदड़ में सुशीला देवी, पूनम देवी, निशा कुमारी, निशा देवी, राजू कुमार और प्यारे पासवान की जान गई है. वहीं दो लोगों की पहचान नहीं हो पाई है. लोगों का कहना है कि सावन का सोमवार था, इसलिए श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक थी. बाबा सिद्धनाथ को देखने के लिए श्रद्धालु संकरे गंगा और गऊघाट मार्ग से पहाड़ पर पहुंचे थे. मंदिर के आसपास अचानक हड़कंप मचने से लोग इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान बहुत से लोग गिर गए और उठ नहीं पाए. भीड़ में दबने की वजह से उक्त लोग मारे गए.
बीते सालों में हुए ऐसे हजारों हादसे
भारत में धार्मिक आयोजन पर इस तरह का यह पहला हादसा नहीं है. इस साल और बीते कई सालों में धार्मिक आयोजन, मेले, सत्संग आदि में ऐसे इस तरह के कई हादसे हुए है. इसमें सौ दो सौ नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे तमाम हादसों का जिक्र करते समय पहला हादसा बीते जुलाई माह में हुआ हाथरस कांड आता है. इसमें 100 से अधिक लोगों ने जान गंवाई थीं. तो, आइए जानते हैं अब तक इस प्रकार के कितने हादसे हो चुके हैं….
हाथरस हादसा 2024
यह हादसा उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस में आयोजित एक सत्संग में हुआ था, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे की वजह आयोजन स्थल पर निर्धारित संख्या से अधिक की भीड़ का होना बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, 80 हजार लोगों के आने की अनुमति प्रशासन से ली गई थी, लेकिन आयोजन में ढाई लाख लोग शामिल हुए थे.
रूद्राक्ष महोत्सव हादसा 2024
यह हादसा मध्य प्रदेश के सीहोर में अंतराष्ट्रीय कथावचक पं. प्रदीप मिश्रा के रूद्राक्ष महोत्सव कार्यक्रम में हुआ था. इस हादसे में टेंट गिरने की वजह से लोगों में अफरा तफरी और भगदड़ मच गयी थी. इसकी वजह से कई सारे लोग जख्मी हो गए थे.
बावड़ी हादसा 2023
यह हादसा मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी के अवसर पर हुआ था. यहां पर एक प्राचीन बावड़ी के ऊपर लगाए गए पत्थर का स्लैब टूटने से यह हादसा हुआ था. बताया जाता है कि स्लैब टूटने की खबर उड़ते ही लोगों में हड़बड़ाहट की वजह से भगदड़ मच गयी थी. इस हादसे में 36 लोगों की मौत हुई थी.
वैष्णो देवी मंदिर हादसा 2022
साल 2022 में नए साल के अवसर पर भारी संख्या में भक्त माता वैष्णों के दर्शन के लिए पहुंचे थे, जिसमें दशर्नार्थी दर्शन के लिए लम्बे समय से लगे हुए थे. ऐसे में रात करीब 2.45 मिनट पर हालात बिगड़े और गेट नं 3 पर भगदड़ मच गई. पुलिस ने इसकी वजह लोगों में आपसी बहस को बताया था. इसके बाद वहां धक्का-मुक्की शुरू हो गई और देखते ही देखते हालात बिगड़े और भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई थी तथा 10 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे.
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गोदावरी पुष्कर मेला हादसा 2015
यह हादसा आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में पुष्करम त्योहार पर आयोजित गोदावरी पुष्कर मेले के दौरान हुआ था, जहां घाट पर भारी भीड़ उमड़ने की वजह से भगदड़ मच गय़ी थी.इस भगदड़ में 27 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.