कल्कि जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…

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आज कल्कि जयंती का त्यौहार मनाया जा रहा है, कल्कि जयंती हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कल्कि भगवान विष्णु का दसवीं और अंतिम अवतार है. माना जाता है कि कल्कि अवतार का जन्म कलियुग के अंत में धर्म को पुनःस्थापित करने और पापियों को खत्म करने के लिए हुआ था. तीर कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार का चित्रण कल्कि अवतार है. भक्त इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं. यह दिन भगवान कल्कि से अपने सभी बुरे कामों या पापों की क्षमा मांगने का है. इस दिन भगवान कल्कि की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष मिलता है और बुराई से छुटकारा मिलता है.

शुभ मुहूर्त

कल्कि जयंती की षष्ठी तिथि 10 अगस्त को सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर शुरू हुई है और 11 अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी.

पूजन विधि

कल्कि जयंती के दिन सवेरे-सवेरे स्नान करके व्रत रखने का निश्चय करें, इसके बाद हल्के रंग के कपड़े पहनें. अगर आपके पास कल्कि अवतार की मूर्ति नहीं है, तो भगवान विष्णु की मूर्ति बनाकर उसे जलाभिषेक करें. इसके बाद श्रीहरि को अक्षत अर्पित करके कुमकुम से तिलक करें. याद रखें कि भगवान विष्णु को कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाएं.

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तिलक और अक्षत अर्पित करने के बाद भगवान को फल-फूल, अबीर, गुलाल और अन्य सामग्री चढ़ाएं. भगवान के सामने तेल या घी का दीपक जलाएं, भगवान कल्कि की पूजा करने के बाद उनकी आरती करें. श्रीहरि के अवतार को फल और मिठाई चढ़ाएं. पूजा पूरी करने के बाद भगवान से अपने जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें. इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है, दान करने से कल्कि द्वादशी पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दिन आप अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों या जरूरतमंदों को खाना और अन्य आवश्यक सामान दे सकते हैं.

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