आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं…स्पीकर को लेकर लोकसभा में हुई अमित शाह और अखिलेश में नोकझोक

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लोकसभा में आज गुरूवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और गृहमंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. सदन में मानसून सत्र के दौरान WAQF BILL पर चर्चा हो रही थी. सदन में अखिलेश ने कहा कि ‘अध्यक्ष महोदय आज हमारे और आपके अधिकार कट रहे हैं. अध्यक्ष महोदय आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं. मैंने इस लॉबी में सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी कम हो रहे हैं. हम लोगों को आप लोगों के लिए लड़ना पड़ेगा. मैं इसका विरोध करता हूं.

सोची समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा बिल…

सदन में अखिलेश यादव ने कहा कि यह बिल भाजपा और उसके समर्थन दल की सोची – समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है. जब लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने की पहले से प्रक्रिया है तो उसे नॉमिनेट क्यों किया जा रहा है. अन्य धार्मिक मसले में कोई गैर बिरादरी का नहीं आता है, फिर वक्फ बोर्ड में किसी गैर मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य है.

अमित शाह ने पलटकर दिया जवाब…

अखिलेश के बयान का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि अध्यक्ष पर अधिकार केवल विपक्ष का नहीं है. पूरी सदन का अध्यक्ष पर अधिकार है. इस तरह का गोलमोल बात आप नहीं कर सकते हो. आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक. इस घटना के बाद सदन में कुछ देर तक गहमा-गहमी देखने को मिली.

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अखिलेश ने किया बिल का विरोध…

सदन में अखिलश यादव ने स्पीकर से कहा कि भाजपा यह बिल अपने हताश-निराश चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए लाने का काम कर रही है. आज तो हमारे आपके अधिकार कट रहे हैं. याद कीजिए मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं. मैंने सुना है इस लॉबी में कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं. उसके लिए लोगों को आपके लिए लड़ना पड़ेगा. मैं इसका विरोध करता हूं.

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