सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और विशेष उपाय…
सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज मनाया जा रहा है, सावन के महीने में भगवान शिव के साथ ही मां गौरी की भी भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है. यही वजह है कि, सावन के मंगलवार को मांग की विशेष पूजा की जाती है और इसके मंगला गौरी इसलिए कहते है क्योकि, इस व्रत को करने से हर तरह से मंगल होता है. यही वजह है कि, इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. सावन के मंगलवार को मां गौरी की पूजा करने से विवाह और वैवाहिक जीवन में आने वाली हर परेशानी दूर हो सकती है. विशेष रूप से अगर मंगल दोष आपको कठिनाई दे रहा है, तो इस दिन की पूजा आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी.
मंगला गौरी व्रत पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
मंगला गौरी व्रत शुरू करने से पहले सावन के मंगलवार को भगवान शिव की पूजा करके पूरे महीने व्रत रखने का निश्चय करना चाहिए. व्रत रखने से पहले फल, फूल, सुपारी, पान, मेहंदी, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं, अनाज आदि रखना चाहिए. यह कहा जाता है कि पूजन सामग्री में हर चीज 16 की संख्या में होनी चाहिए.
पूजन विधि
सावन के मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें. घर में पूजा के स्थान पर एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा डालें और मां गौरी की प्रतिमा इस पर रखें. अब देवी के सामने एक चौमुखी आटे का दीपक जलाएं. इसके बाद धूप, नैवेद्य, फल, फूल आदि अर्पित करें. इसके बाद पूजा संपन्न होने के बाद मां गौरी की आरती और उसके बाद हाथ जोड़कर मां से सुख- समृद्धि की प्रार्थना करें.
उपाय
अगर आपका विवाह मंगल दोष या किसी अन्य कारण से नहीं हो रहा है, तो मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. पूजा के दौरान 108 बार मंगला गौरी का चमत्कारी मंत्र ॐ गौरीशंकराय नमः जाप करें. पूजा पूरी करने के बाद माता गौरी के चरणों में सिंदूर चढ़ाएं और तिलक अपने माथे पर लगाएं. इस प्रक्रिया को अपनाने से विवाह के योग बनने लगते हैं.
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इस व्रत का विशेष मंत्र
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। ॐ उमामहेश्वराय नम:
ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा ।।