बीएचयू: पीएचडी छात्रों का सेंट्रल ऑफिस कार्यालय के बाहर आमरण-अनशन शुरू
धक्कामुक्की के बाद दो छात्रों ने शुरू कर दिया आमरण अनशन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पीएचडी प्रवेश के मुद्दे पर पिछले 16 दिनों से परीक्षा नियंता कार्यालय का घेराव और धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने गुरूवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया. छात्र अब सेंट्रल ऑफिस कार्यालय के बाहर आमरण अनशन कर रहे हैं. एक पखवारे से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों की मांगों का कोई ठोस हल नही निकल सका तो छात्रों ने आमरण अनशन का फैसला किया है. उनका कहना है कि अब जबतक उनकी ठोस समधान नही निकलता वह नही हटेंगे.
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छात्र गुरूवार को सेंट्रल ऑफिस कार्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी करने लगे. छात्रों के पहुंचने पर सुरक्षाकर्मियों ने सेंट्रल ऑफिस को अंदर से बंद कर दिया. इससे छात्र आक्रोशित हो गए और वहीं पर दो छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए. छात्रों का कहना है कि हम लोगों की 5 सूत्री मांगों को नहीं माना गया और नहीं कोई उस पर विचार किया गया. सुनवाई न होने की स्थिति में अब आमरण अनशन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही बचा है. छात्रों का कहना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया सत्र 2023-24 अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है. छात्र एक साल से इसका इंतजार कर रहे हैं. दिसंबर 2023 में नेट उत्तीर्ण विद्यार्थियों को पिछली प्रवेश प्रक्रिया में मौका नहीं दिया गया. आगे होनेवाली प्रवेश प्रक्रिया में भी उनको रोके जाने की बात कही गई है. ऐसे में उन छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
होती रही मीटिंग मगर नहीं निकला कोई निर्णय
परीक्षा नियंता कार्यालय के पास बैठे छात्रों की विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ कई बार बैठक हुई, परंतु उसका कोई हल नहीं निकला. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय हमें गुमराह कर रहा है. सिर्फ आश्वासन देकर हमारा धरना समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक दाखिले की नोटिफिकेशन नहीं आ जाएगी तब तक हमारा सेंट्रल ऑफिस पर आमरण अनशन जारी रहेगा. आमरण अनशन पर बैठे दिव्यांश दुबे ने बताया कि दिसंबर-2023 में नेट में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को पीएचडी प्रवेश में वरीयता देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बीएचयू के परीक्षा नियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे थे. अब सेंट्रल ऑफिस पर आमरण अनशन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहाकि विश्वविद्यालय कैंपस में धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं और कई अनियमितताएं चल रही हैं. लेकिन हमारे सवालों का ठोस जवाब नही दिया जा रहा है. मीटिंग की जाती है लेकिन क्या बात हुई उसका भी अपडेट नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ हम लोगों से धरना समाप्त करने की बात कही जा रही है.
अनशन स्थल पर प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात
छात्रों के आमरण अनशन के ऐलान के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आया है. अनशन स्थल पर प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात की गई है. वहीं आमरण अनशन पर बैठे छात्रों का कहना है कि हम कोई नारेबाजी नहीं करेंगे और अपनी पढ़ाई यही आमरण स्थल पर करेंगे. छात्र अपने पुस्तकों के साथ वहां पढ़ाई करते हुए भी दिखाई दिए. छात्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. दर्जनों की संख्या में छात्र उनके समर्थन में पहुंच गये हैं.