आज मनाया जा रहा सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत, जानें इसके फायदे ?
सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत आज मनाया जा रहा है, सावन के महीने में भगवान शिव के साथ ही मां गौरी की भी भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है. यही वजह है कि, सावन के मंगलवार को मांग की विशेष पूजा की जाती है और इसके मंगला गौरी इसलिए कहते है क्योकि, इस व्रत को करने से हर तरह से मंगल होता है. यही वजह है कि, इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. सावन के मंगलवार को मां गौरी की पूजा करने से विवाह और वैवाहिक जीवन में आने वाली हर परेशानी दूर हो सकती है. विशेष रूप से अगर मंगल दोष आपको कठिनाई दे रहा है, तो इस दिन की पूजा आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी.
शुभ मुहूर्त
30 जुलाई 2024 यानी को सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत मनाया जा रहा है. इस दिन पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 8:02 AM से सुबह 09:36 PM तक है. वहीं, दोपहर 02:43 PM से 03:37 PM तक विजय मुहूर्त होगा.
मंगला गौरी व्रत पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
मंगला गौरी व्रत शुरू करने से पहले सावन के मंगलवार को भगवान शिव की पूजा करके पूरे महीने व्रत रखने का निश्चय करना चाहिए. व्रत रखने से पहले फल, फूल, सुपारी, पान, मेहंदी, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं, अनाज आदि रखना चाहिए. यह कहा जाता है कि पूजन सामग्री में हर चीज 16 की संख्या में होनी चाहिए.
पूजन विधि
सावन के मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें. घर में पूजा के स्थान पर एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा डालें और मां गौरी की प्रतिमा इस पर रखें. अब देवी के सामने एक चौमुखी आटे का दीपक जलाएं. इसके बाद धूप, नैवेद्य, फल, फूल आदि अर्पित करें. इसके बाद पूजा संपन्न होने के बाद मां गौरी की आरती और उसके बाद हाथ जोड़कर मां से सुख- समृद्धि की प्रार्थना करें.
इस व्रत के दिव्य उपाय
-विवाह में बाधा आने पर
मंगलवार की सुबह उठकर मां गौरी का पूजन करे और उनके सामने घी का एक चौमुखी दीया जलाएं. इसके बाद मां के सामने 16 फूल या 16 तरह के फूल अर्पित करें. साथ ही ये सारे फूल लाल रंग के होने चाहिए. इसके बाद मां गौरी को चुनरी और लौंग अर्पित करें. फिर मां के आगे बैठकर’ॐ ह्रीं गौर्ये नमः’ मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप के बाद शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.
-दाम्पत्य जीवन को मधुर बनाने के लिए
मंगला गौरी व्रत के दिन संध्याकाल में मां गौरी की पूजा करें. मां गौरी के सामने तीन घी के दीपक जलाएं. अब मां को सिंदूर अर्पित करें और देवी को इत्र और 16 इलाइची चढ़ाएं. अब ग्यारह माला ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे’ मंत्र जाप करें. साथ ही प्रसाद के रूप में इलाइची को अपने पास रखें.
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-वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए
अगर आपके विवाह में समस्याएं काफी बढ़ गई हैं और शादी टूटने की नौबत आ गई है, तो मध्य रात्रि में मां गौरी की पूजा करें. भगवान शंकर और मां गौरी को एक साथ पूजें. भगवान शंकर और माता पार्वती को कपड़े दें. सिन्दूर, चूड़ी, बिंदी, आभूषण, मेहंदी, काजल, शीशा, आलता और अन्य श्रृंगार सामग्री देवता को अर्पित करें. अब ग्यारह माला ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र जाप करें, मंत्र जाप करने के बाद अपने वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने की प्रार्थना करें.