गजानन संकष्टी चतुर्थी आज, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त …

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आज यानी बुधवार गजानन संकष्टी चतुर्थी का मनाई जा रही है. यह त्योहार सावन के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर साल मनाया जाता है. इस पर्व में भगवान गणेश की पूजा – अर्चना की जाती है. माना जाता है कि, इस तिथि यानी संकष्टी तिथि को गणेशजी की पूजा करने से जातक को काफी लाभ होता है. वही इस दिन व्रत-उपासना करके किसी भी शुभ कार्य को पूरा कर सकते हैं. यह भी माना जाता है कि, इस दिन गजानन की विधिवत पूजा करने से कुछ अच्छा हो सकता है, तो आइए जानते है इस पर्व पर गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि….

शुभ मुहूर्त

24 जुलाई यानी आज सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर सावन माह की चतुर्थी तिथि शुरू होगी और चतुर्थी तिथि 25 जुलाई को सुबह 4 बजे 19 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. वही उदिया तिथि के चलते आज ही गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है.

पूजा का शुभ मुहूर्तः सुबह 05.38 – सुबह 09.03

पूजन विधि

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत करने का संकल्प करें और गणेश भगवान पूरे विधि विधान के साथ पूजा करें. इस दौरान भगवान गणेश को तिल, गुड़, लड्डू और चंदन अर्पित करें. गजानन को दूर्वा और मोदक भी बहुत अच्छे लगते हैं, इसलिए इन्हें अर्पित करना बिल्कुल न भूलें. अब ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए, फिर गणेश की स्तुति, चालीसा और संकट चौथ व्रत कथा पढ़नी चाहिए. गणेश पूजा के बाद आरती जरूर पढ़ें. वही रात में चांद निकलने से पहले फिर से गणेश भगवान की पूजा करें और चंद्रोदय के बाद उन्हें दुग्ध से अर्घ्य देकर पूजन करें और फलाहार करें.

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इन मंत्रों का करें जाप

1. ॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥

2. ॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

3. ‘ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।’

4. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

5. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

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