बनारस में बारिश से पहले नालों के सिल्ट बढ़ा रहे हैं सिरदर्द, नही हो सकी कई नालों की सफाई
मौसम विशेषज्ञों की ओर से दावा किया जा रहा है कि बनारस में आज या कल में बारिश हो सकती है. उससे पहले नगर निगम की एक लापरवाही शहर के लिये भयावह हो सकती है. बता दें कि नगर निगम की ओर से नाला सफाई अभियान चलाया जा रहा है जो अभी भी अधूरा है. शहर के कई इलाकों में नालो की सफाई के बाद वहां नालों की सिल्ट सड़क पर ही छोड़ दी गई है. इससे लोगों को दुर्गंध झेलना पड़ रहा है. वहीं बारिश के दिनों में सड़क पर कीचड़ होना तय है. बारिश के बाद पूरा मलबा सड़क पर फैल जाएगा जिससे लोगों के स्वास्थ पर भी असर पड़ेगा.
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सिल्ट के पहाड़नुमा मलबा पड़े हैं सड़कों के किनारे
सिल्ट से आम लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. कई इलाकों में तो बाकायदा सिल्ट का पहाड़ सा खड़ा हो गया है. अगर जल्दी ही इन सिल्ट को नहीं उठाया गया तो बारिश में ये सिल्ट फिर बहकर नालों में वापस चले जाएंगे.
30 जून तक होनी है सफाई
नगर निगम के अनुसार 30 जून तक नालों की सफाई होनी है. लेकिन अभी तक भी अधिकतर नालों की हालत जस की तस है. कई नालों के बाहर जगह-जगह सिल्ट और गंदगी का अंबार लगा है. सिल्ट को तुरन्त न हटाए जाने के सवाल पर दलील दिया गया कि सिल्ट को सूखने के लिये सड़क किनारे रखा दिया जाता है जिसके बाद इसे उठा दिया जाता है. हालांकि कई सिल्ट सूखने के बावजून नहीं हटाए गये हैं. 30 जून तक पता चलेगा कि निगम समय रहते कार्य पूरा करा पाता है या नहीं. वहीं सिल्ट से आसपास के इलाकों में बीमारी और बदबू फैल रही है.
कई तरीकों से हो रही है परेशानी
सिल्ट के कारण आम जनता की सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है. इसके अलावा सड़कों पर सिल्ट से कीचड़ भी हो जाता है जिससे आए दिन लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं. जलभराव का सबसे बड़ा कारण सिल्ट और कूड़े से भरे नाले हैं.
इन इलाकों में रहनवाले को हो रही है परेशानी
सुंदरपुर, नरिया, मोढ़ैला, सिगरा, रथयात्रा, चांदपुर चौराहा, मंडुवाडीह, आदि मार्गों पर सिल्ट सूखकर पड़े हुए हैं. जहां नाले से निकालकर सिल्ट को सड़क के किनार या पास के ही दुकानों के सामने छोड़ दिया गया.