अयोध्या में मंदिर संग्रहालय का निर्माण करेगी टाटा …

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यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में 44 प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस बैठक में कई योजनाओं और यूपी में विकास को लेकर कई प्रस्ताव पास हुए. इतना ही नहीं धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी अयोध्या में मंदिर संग्रहालय को बनाने को लेकर प्रस्ताव पर मोहर लगी. जानकारी के अनुसार इस मंदिर संग्रहालय को टाटा कंपनी बनाएगी.

TATA करेगी मंदिर संग्रहालय का निर्माण…

बता दें कि अयोध्या में इस मंदिर संग्रहालय का निर्माण देश की सबसे उच्च और बेहतरीन कंपनी में शुमार टाटा करेगी. बताया जा रहा है कि टाटा कंपनी इसे 650 करोड़ की लागत से बनाएगी. इसके साथ ही इस योजना के अलावा 100 करोड़ रुपये अन्य कामों में खर्च होंगे. इसके लिए टाटा को जमीन पर्यटन विभाग देगा. इस संग्रहालय को बनाने के लिओए सरयू किनारे करीब 50 एकड़ भूमि की खोज शुरू कर दी गयी है. देशभर के मंदिर की गौरवगाथा को प्रदर्शित करने के लिए योगी सरकार इस संग्रहालय को बनवा रही है. इतना ही नहीं इस संग्रहालय का निर्माण कार्य देश की मशहूर वास्तुकार वृंदा सुमाया की देख रेख में होगा.

मंदिर संग्रहालय सीएम योगी का है ड्रीम प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि अयोध्या में भव्य और दिव्या राम मंदिर बन जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट मंदिर संग्रहालय के निर्माण को लेकर भी कवायद तेज हो गई थी. इस संग्रहालय के आकार लेते ही अयोध्या में केवल श्रीराम का भव्य मंदिर ही आस्थावानों के केंद्र में नही होंगा, बल्कि मंदिर संग्रहालय के जरिए भारत के सभी प्राचीन बड़े मंदिरों के दर्शन भी अयोध्या में हो सकेंगे.

सनातन संस्कृति से युवाओं को परिचित कराएगी योगी सरकार

कहा जा रहा है कि प्रदेश की योगी सरकार की मंशा है कि इसके जरिए सनातन संस्कृति से देश के युवाओं को परिचित कराया जाए. किसी खास मंदिर का किसी खास स्थान पर निर्माण क्यों हुआ और इसके पीछे का दर्शन क्या रहा. इसी बारे में देश की युवा पीड़ी को अवगत कराने के लिए अयोध्या में इस संग्रहालय का निर्माण होगा.

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12 दीर्घाओं में दिखेगा मंदिर का संपूर्ण दर्शन…

कहा जा रहा है कि मंदिर संग्रहालय 12 दीर्घाओं में बंटा होगा. ये दीर्घाएं अपनी सहज कलात्मकता से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देंगी. ये दीर्घाएं मंदिरों के वैज्ञानिक और दार्शनिक पहलू के साथ ही गर्व और श्रद्धा की भावना भी जगाएंगी. इनमें सनातन धर्म में भगवान की अवधारणा, पूजा पद्धति के पीछे छिपा दर्शन, पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों की जरूरत, मंदिरों की वास्तु और शिल्पकला, मंदिरों के कर्मकांड के पीछे का दर्शन, पूजा-अर्चना से आगे भी मंदिरों की सामाजिक उपयोगिता, भारतीय मंदिरों के मूल तत्व, मंदिर निर्माण तकनीक और उच्चकोटि का वैज्ञानिक दृष्टिकोंण, विविध प्रकार के मंदिरों की स्थापत्य कला, भारतीय मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र, भारत भूभाग के विशिष्ट मंदिर और पूरी दुनिया में मौजूद हिन्दू मंदिरों की जानकारी को प्रदर्शित करने वाली दीर्घाओं का निर्माण होगा.

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