संसद सत्र का दूसरा दिनः आज स्पीकर का नाम आएगा सामने …

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लोकसभा चुनावों के बाद 24 जून से संसद का पहला सत्र शुरू हुआ है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को सोमवार को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सांसद के रूप में शपथ दिलाई. इन सबके बाद अब सबका ध्यान अब लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर लगा हुआ है. वहीं आज दोपहर तक एनडीए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करेगा. साथ ही समाचार पत्रों में उल्लेख किया गया है कि ओम बिरला एक बार फिर एनडीए के उम्मीदवार हो सकते हैं. उनका नाम स्पीकर पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के उम्मीदवार को नाम का प्रस्ताव रखेंगे, लेकिन इस नाम पर विपक्ष सहमत जरूरी होगी. यदि विपक्ष सहमत नहीं होता है तो, इस पद के लिए पहली बार चुनाव कराया जाएगा. आपको बता दें कि, प्रोटेम स्पीकर के चुनाव से पहले ही सियासत में स्पीकर पद को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है.

प्रोटेम स्पीकर को भी लेकर हुआ था विवाद

कांग्रेस ने महताब को प्रोटेम स्पीकर के लिए संसदीय नियमों का उल्लंघन बताया , लेकिन वरिष्ठता को प्रोटेम स्पीकर के चुनाव में कई बार नजरंदाज किया गया है. साल 1956 और 1977 में ऐसा हुआ था. जब कांग्रेस चाहती थी कि, उसके सांसद के सुरेश प्रोटेम स्पीकर बना दिया जाए. कांग्रेस कहती है कि सुरेश आठ बार सांसद रहे हैं, इसलिए वह सबसे वरिष्ठ हैं, जबकि महताब केवल सात बार सांसद रहे हैं. जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सुरेश 1998 और 2004 में चुनाव हार गए, जो उनका मौजूदा चौथा कार्यकाल निचले सदन में है.

टीडीपी ने की स्पीकर पद की मांग

प्रोटेम स्पीकर के चुनाव पर बहस अभी खत्म नहीं हुई है कि, लोकसभा स्पीकर का नाम भी चुना जाना है. विपक्ष का उत्साह देखकर लगता है कि वह शायद ही एनडीए उम्मीदवार के नाम पर सहमत होगा. हालांकि, अभी तक भाजपा ने स्पीकर पद का एनडीए उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं किया है. यही कारण है कि लोकसभा के पूर्व स्पीकर ओम बिरला भी इस पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं. भाजपा, गठबंधन के सहयोगियों के रुख को देखते हुए, कोई ऐसा नाम प्रस्तुत कर सकती है जिसका विरोध करना विपक्षी दलों के लिए बहुत मुश्किल होगा. वहीं एनडीए में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी स्पीकर पद की मांग कर रही है जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने साफ कर दिया है कि वह एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करेगी.

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विपक्ष किन हालातों में कर सकता है समर्थन

रिपोर्टों के अनुसार, एनडीए को लोकसभा स्पीकर पद के लिए विपक्ष का समर्थन मिल सकता है. अगर वह उसे डिप्टी स्पीकर का पद दे देता है. यदि भाजपा विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद देती है, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां एनडीए के स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन कर सकती हैं. इस हिसाब से अभी पलड़ा भाजपा का ही भारी है. संसदीय परंपरा में यदि देखें तो, ऐसा कम ही बार हुआ है जब विपक्ष की सहमति के बिना स्पीकर चुना गया है.

 

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