‘ नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते देख रही दुनिया..’- पीएम मोदी

10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीनगर से पीएम मोदी ने जनता को किया संबोधित

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10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देश के हर कोनें और दुनिया भर के लोगों को योग दिवस की शुभकामनाएं दी. इसके साथ ही उन्होने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के शेर -ए-कश्मीर इंटरनेशल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में योगा किया. योग दिवस पर श्रीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि, ”संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के संबंध में भारत के प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया है.”

इसके आगे अपने भाषण में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि, “आज कश्मीर की धरती से मैं दुनिया भर के सभी लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं.दस साल पहले मैंने संयुक्त राष्ट्र (UN) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. भारत के प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. 2015 में दिल्ली के कर्तव्यपथ पर 35,000 लोगों ने एक साथ योगासन किया था. उन्होंने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और ध्यान की धरती कश्मीर आने का सौभाग्य मिला है. श्रीनगर में हम योग से मिलने वाली शक्ति को महसूस कर रहे हैं. मैं कश्मीर की धरती से देश के सभी लोगों और दुनिया के कोने-कोने में योग करने वालों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं.”

”10 वर्षों में योग के विस्तार ने योग से जुड़ी बदली धारणा”

प्रधानमंत्री ने योग दिवस की दिवस के साथ योग में महत्व में आए बदलाव को लेकर बोलते हुए कहा कि, ”पिछले 10 वर्षों में योग के विस्तार ने योग से जुड़ी धारणा को बदल दिया है. दुनिया एक नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देख रही है. ऋषिकेश और काशी से लेकर केरल तक हम भारत में योग पर्यटन का एक नया चलन उभरते हुए देख सकते हैं. प्रामाणिक योग सीखने के लिए दुनिया भर से लोग भारत आ रहे हैं. तदनुसार, आतिथ्य, पर्यटन, परिधान आदि से जुड़े क्षेत्र लोगों की भारी आमद से फल-फूल रहे हैं. इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका शार्लोट चोपिन को भी याद किया, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. कहा कि दुनिया भर में योग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.”

पीएम मोदी ने फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका का किया जिक्र

इसके साथ ही अपने भाषण में पीएम मोदी ने फ्रांस की 101 वर्षीय योग शिक्षिका का जिक्र करते हुए कहा कि, “इस वर्ष भारत में फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. भारत का दौरा न करने के बावजूद उन्होंने अपना पूरा जीवन योग के बारे में जागरूकता फैलाने में समर्पित कर दिया. वर्तमान में दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और संस्थान योग पर शोध कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप शोध पत्र प्रकाशित हो रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार 2024 के दौरान 101 वर्षीय योग साधक फ्रांसीसी नागरिक शार्लोट चोपिन को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. दुनिया भर में योग की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत में, आयुष विभाग ने योग साधकों के लिए योग प्रमाणन बोर्ड का गठन भी किया है.”

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पीएम मोदी ने इस बार की थीम का समझाया महत्व

पीएम मोदी ने योग दिवस की इस साल की थीम का उल्लेख कर उसका महत्व समझाते हुए कहा कि, ” पूरे जम्मू-कश्मीर में योग के प्रति आकर्षण केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन को नई गति देने का अवसर बन गया है. पूरे जम्मू-कश्मीर में योग के प्रति जो आकर्षण पैदा हुआ है. जिस जोश और उत्साह के साथ लोग योग से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं, वह जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को नई गति देने का अवसर बन गया है.

इस वर्ष का विषय, “स्वयं और समाज के लिए योग”, व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक सद्भाव दोनों को बढ़ावा देने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है. बता दें कि 2015 से, प्रधान मंत्री ने दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कर्तव्य पथ सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) समारोहों का नेतृत्व किया है.

 

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