आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है इलेक्टोरल बांड : प्रमोद तिवारी
देश की जनता महंगाई की भयंकर मार से परेशान
वाराणसी में बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उप नेता राज्यससभा प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सवालों से घेरा. उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इलेक्टोरल बांड आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है. देश की जनता महंगाई की भयंकर मार से परेशान है. मूलभूत मसलों से परेशान मतदाताओं ने छठें चरण तक के चुनाव में भाजपा को नकार दिया है.
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लहुराबीर स्थित केंद्रीय चुनाव कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान प्रमोद तिवारी ने ‘‘चन्दा घोटाले’’ के लिये भाजपा की कड़ी निन्दा करते हुए आलोचना की. उन्होंने कहा है कि 13 हजार करोड़ रुपये (इसमें एक साल की वसूली सम्मिलित नहीं है) के ‘‘इलेक्टोरल बाण्ड’’ का जो खुलासा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद एसबीआई को करना पड़ा, उसमें भाजपा रंगे हाथ पकड़ी गयी. बाण्ड के रूप में माल भी पकड़ा गया.
ईडी, सीबीआई और आईटी का डर दिखाकर वसूल रही हफ्ता
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ED, CBI और I T (इनकम टैक्स) का भय दिखाकर हफ्ता वसूली वसूली करती है. जिसका एक खुलासा अभी ‘‘इलेक्ट्राल बाण्ड घोटाले’’ के रूप में सामने आया है. जिन कंपनियों ने भाजपा के लिये इलेक्ट्राल बाण्ड दिया, उन्हें पुरस्कार स्वरूप ठेके दिये गये. मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा ने लगभग 1200 करोड़ डोनेट किया. उसे 14,400 करोड़ रुपये का ठाणे ट्वीन प्रोजेक्ट दिया गया. जिन्दल स्टील एण्ड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को 22 करोड़ रुपये का चन्दा दिया तो तीसरे दिन उसे गियर पाल्मा कोल माइन का ठेका मिल गया. शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स पर माह दिसम्बर 2023 में इनकम टैक्स का छापा पड़ा. जनवरी 2024 में कम्पनी ने 22 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया. यही हाल फ्यूचर गेमिंग कंपनी का भी रहा. वेदांता ग्रुप को राधिकापुर वेस्ट प्रोजेक्ट कोल माइन मार्च 2021 में मिली तो उसने 25 करोड़ रुपये का चन्दा भाजपा को दिया. इसी प्रकार से सीरम इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया, डीएलएफ, नवयुग इंजीनियरिंग, यूनाइटेड फास्फोरस, आईएफबी एग्रो, यशोदा हास्पिटल गाजियाबाद पर दिसम्बर 2020 में इनकम टैक्स ने छापा डाला. अप्रैल, 2021 में हास्पिटल ने 162 करोड़ रुपये का बाण्ड खरीदा.
कई अन्य कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया
इसी तरह हल्दिया इंजीनियरिंग, चेन्नई ग्रीन वुड्स, हीरोमोटो, माइक्रो लैब, कल्पातरु प्रोजेक्ट, डा. रेड्डी लैब, आदि इन पर छापे डाले गये. बदले में इन कम्पनियों ने इलेक्ट्राल बाण्ड खरीदे. मित्तल ग्रुप, ब्राइट स्टार इनवेस्टमेण्ट, वण्डर सीमेण्ट, आईआरबी इन्फ्रा, टोरेण्ट पावर ने 86.5 करोड़ का इलेक्ट्राल बाण्ड खरीदा. उसे 47000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट गुजरात में दिया गया. तमाम कंपनियों द्वारा भाजपा को कुल 8,633 करोड़ रूपये का चन्दा दिया गया है. यह संख्या इससे भी बहुत ज्यादा है, क्योकि एक वर्ष का आकड़ा इसमे सम्मिलित नहीं है.
चंदे पर भाजपा सरकार जारी करे श्वेत पत्र
प्रमोद तिवारी ने भाजपा को खुली चुनौती दी. कहा कि यदि उसमें साहस है तो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे. किस-किस से कितना- कितना चन्दा लिया है और कब- कब लिया है उस पर एक ‘‘श्वेत पत्र’’ जारी करे. अब समझ आया है कि कमरतोड़ महंगाई, इन्फ्रास्ट्रक्चर की कीमतों में बढ़ोत्तरी व जनता की बदहाली राज. यदि भाजपा इस पर ‘‘श्वेत पत्र’’ नहीं जारी करती है तो मान लिया जाएगा कि उसमें दम नहीं है. कि वह इसकी सच्चाई बता सके कि कितना- कितना पैसा, कहां कहां से कब- कब आया. भाजपा स्रोत नहीं बताए तो सर्वोच्च न्यायालय पूरे मामले की जांच कराए. वहीं, इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए.