लोकसभा चुनाव के अं‍तिम चरण से पहले सपा को झटका, इस नेता ने छोड़ी पार्टी

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बलिया: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता नारद राय ने पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के संकेत दे दिए हैं. इतना ही नहीं बलिया में अखिलेश यादव की जनसभा के बाद उन्होंने कल रात सोशल मीडिया प्लेटफार्म “X” पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की प्रशंसा की. बता दें की नारद राय स्व. मुलायम सिंह के करीबी माने जाते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अमित शाह के साथ मुलाकात की एक तस्वीर साझा की है.

परिवार या पार्टी छोड़ते वक्त तकलीफ होती है- नारद

पार्टी के वरिष्ठ नेता नारद राय ने कहा की ‘परिवार का घर छोड़ते हो या पार्टी छोड़ते हो तो तकलीफ होती है. खासकर वहां जहाँ मैंने अपने जीवन के 40 साल गुजार दिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा की छोटे लोहिया ने मुझे छात्र राजनीत से बाहर निकलकर मुख्य धारा की राजनीति से जोड़ा. उन्ही के आशीर्वाद से मैं MLA बना, मंत्री बना और जितना हुआ मैंने विकास भी किया. छोटे लोहिया के न रहने पर नेता जी ने कहा था नारद जब तक मैं हूँ तुम्हें छोटे लोहिया की कमी नहीं खलने दूंगा. हमरा दुर्भाग्य है की अब नेता जी नहीं रहे.

अखिलेश ने हमे हराने का काम किया…

नारद राय ने कहा कि यह एक ऐसी घटना है जिसे सब लोग जानते हैं. तब भी मैं नेताजी के साथ बेटा बनकर खड़ा रहा और हम लोग बार-बार कह रहे थे कि नेताजी के सम्मान को मत घटाइए. नारद ने कहा कि जब नेता जी ने जिद की तब अखिलेश ने 2022 विधानसभा चुनाव में टिकट दिया लेकिन दूसरी तरफ हमारे हराने का भी इंतजाम किया.

अंसारी परिवार के दबाव में कटा मेरा टिकट…

नारद राय ने कहा कि अखिलेश यादव ने मेरा टिकट अंसारी परिवार के दबाव में आकर काटा है. उन्होंने कहा कि पार्टी के विरोध के बाद जिन पर एक्शन होना चाहिए उन पर एक्शन नहीं हुआ और चुनाव में एक भी नेता प्रचार के लिए नहीं भेजा. पहली बार बलिया मुख्यालय पर समाजवादी पार्टी का कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं आया. संदेश दिया गया कि नारद राय तो मुलायम सिंह का उम्मीदवार है और अखिलेश इनको पसंद नहीं करते.

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मैं दरबारी बन कर राजनीति नहीं करूँगा…

नारद राय ने कहा कि मैं राजनीति अंसारी परिवार का दरबारी बन कर नहीं करूँगा. आपको याद होगा कि जब अंसारी परिवार पार्टी में शामिल हुआ था तब विरोध करने पर बलराम यादव और शिवपाल को पार्टी से निकाल दिया गया था. माफिया के मरने पर अखिलेश उसके घर आए. उसको शहीद का दर्जा दिलाने का प्रयास भी किया. उन्होंने अंसारी परिवार के दखल के और विरोध के कारण हमारा टिकट काट दिया.

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