मतदान के बाद संगीतदान करेंगे बनारसी कलाकार
पद्म पुरस्कारों से सम्मानित कलाकरों ने मतदान के लिए काशी की जनता से की अपील
कलाकारों की नगरी के पद्म पुरस्कार से सम्मानित कई कलाकारों ने संकल्प लिया है कि बीते 10 साल में जितना विकास हुआ है उसे और आगे ले जाएंगे. यह तभी संभव होगा जब लोकतंत्र के इस महापर्व को उत्साह से मनाएंगे. इसके लिए उन्होंने जनता से अपील की है. वादा किया है कि मतदान के बाद संगीतदान किया जाएगा.
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पद्मश्री सितार वादक पंडित शिवनाथ मिश्र ने कहा कि मैं काशीवासियों व संगीत प्रेमियों की ओर से कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करें. ताकि काशी का विकास और आगे बढ़े. पहले मतदान और बाद में जलपान. अंत में हम लोग संगीतदान करेंगे. हर नागरिक के लिए मतदान जरूरी है. एक वोट से सरकार बनती और गिरती है. परिवार, पड़ोसियों व मुहल्ले के लोगों के साथ मतदान करें. मतदान हमारे लिए त्योहार समान है. काशी में पीएम मोदी ने जो विकास किया उसके लिए धन्यवाद दे रहा हूं. उनके आने के बाद विश्वनाथ धाम का विकास हुआ. स्वच्छता बढ़ी.
सर्वसुलभ है आयुष्मान कार्ड
पद्मश्री डॉ. कमलाकर त्रिपाठी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड सर्वसुलभ है. दवाएं सस्ती हैं. पर्व में जैसे हम लोग सामूहिक रूप से भाग लेते हैं वैसे ही चुनाव को पर्व मानकर सभी मतदान करें. काशी के लोगों का सौभाग्य है कि वे हम लोगों के सांसद हैं. काशी की ध्वजा को लेकर आगे-आगे चल रहे हैं. गलियों को चौड़ाकर पुराने मंदिरों को पुर्नस्थापित किया. पूजा की पुरानी परंपरा का निर्वाह हो रहा है. सारे लोग निर्वाद गति से गंगा स्नान कर रहे हैं. पुरानी सड़कें चौड़ी हो रही हैं. पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक लाभ हो रहा है. बहुतों को रोजगार मिल रहा है. पुराने रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण हो रहा है. रिंग रोड स्थापित हो गया. लोगों के लिए सीधे बिहार से उप्र के बीच आना-जाना सुगम हो गया है.
देवालयों व उपासना स्थलों से भरी है काशी
पद्मविभूषण पंडित वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि काशी में पूरा परिवर्तन पीएम मोदी ने किया. यहां संकरी गलियां थीं. विश्वभर से यात्री आते थे. दर्शन करना मुश्किल हो जाता था. दिनभर दर्शन में लग जाता था. अब एक-दो घंटे में दर्शन हो जाता है. किसी भी वैभव को छेड़छाड़ किए बिना काशी का नवजागरण कराया गया. इसके लिए पूरा विश्व पीएम मोदी का आभारी रहेगा. हमारे यहां कोई धर्म विशेष नहीं है. यह धर्म निपरेक्ष देश है. उन्होंने कहाकि काशी नगरी भी समस्त देवालयों व उपासना स्थलों से भरी है. यहां यात्रियों की भीड़ हो रही है. बनारस में दैनिक जीवन यापन करने वालों को जीविका प्राप्त हो रही है. 10 वर्ष से पूर्व यह संभव नहीं था.
स्वार्थ की आंधी में सत्य को बदलने की कोशिश करें नाकाम
पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने कहा कि सबका विकास-सबका साथ की बात है. सभी सरकारी नौकरी में आ जाए और कोट खिड़की पर टांग कर वक्त गुजारें. ऐसा पहले देखने को मिला था जो बहुत गलत है. विश्विनाथ कारिडोर से छोटे कारोबारियों की जीविका बढ़ी है. रोजगार हर तरह के होते हैं. पहले की सरकारों ने घरवालों को सरकारी नौकरियां दीं. दूसरों को सरकारी नौकरी नहीं मिली. काशी के विकास से पर्यटन बढ़ा है. इससे आवश्यकता बढ़ी तो रोजगार के अवसर खुले. नौकर बनाना सत्ता का काम है तो मालिक कौन बनाएगा. स्वार्थ की आधी में सत्य को बदलने की कोशिश नहीं की जाए. काशी की जनता समझदार है.