बम की धमकी देना बस मजा या होती है सजा, जानें इसको लेकर क्या कहता है कानून ?

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पहले दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद ऐसे न जानें कहां – कहां और कितनी बार कभी बम से उड़ा देने की धमकी तो कभी किसी सेलिब्रिटी को मार देने की धमकी के मामले देश में सामने आते ही रहते हैं. लेकिन इन दिनों बम से उड़ाने की धमकी का सिलसिला तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. यह सिलसिला दिल्ली से शुरू हुआ था, जहां के तकरीबन 200 हाईप्रोफाइल स्कूलों को मेल के जरिए बम से उड़ा देने की धमकी दी गयी थी.

उसके बाद लखनऊ के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी थी, फिर अहमदाबाद के स्कूलों को उड़ाने की धमकी दी गयी. जब स्कूलों से भी मन न भरा तो लखनऊ और पटना के एयरपोर्ट को कॉल पर बम से उड़ाने की धमकी दी गयी. ऐसे में लगातार आती बम उड़ाने की फेक धमकियां को देखकर तो, ऐसा लगता है कि, यह किसी के लिए मजा बन गया है. कोई भी मुंह उठाकर मेल या अज्ञात शख्स बनकर किसी को भी धमकी दे सकता है और प्रशासन के साथ खिलवाड़ कर सकता है.

क्योंकि, इन धमकियों के बाद अलर्ट मोड पर आकर प्रशासन बड़े स्तर पर पड़ताल शुरू करता है, इससे राजकोष का धन और समय दोनो ही बर्बाद होता है. क्योकि पड़ताल के बाद में पुलिस प्रशासन हर बार खाली हाथ ही लौट जा रही है, हालांकि, एयरपोर्ट धमकी मामले में पुलिस ने एक नशेड़ी को गिरफ्तार किया था. इन सबके बाद बड़ा सवाल यह है कि, आखिर इन धमकियों को लेकर कोई कानून है भी या नहीं और यदि है भी तो क्या और कितनी सजा का प्रावधान है ?

देश भर के स्कूलों में चल पड़ा बम से उडाने की धमकी सिलसिला

दिल्ली के ही तकरीबन 200 स्कूलों को मेल भेजकर बम से उड़ाने की धमकी दी गयी थी, इस मेल में दावा किया गया था कि, स्कूलों में बम लगा हुआ है. इस मेल के बाद अफऱातफरी का माहौल हो गया और बड़ी संख्या में स्कूलों को खाली कराकर बच्चों को घर भेज दिया गया. इधर स्कूलों में बम होने की खबर सुनने के बाद प्रशासन ने बड़े स्तर पर स्कूलों की तलाशी का काम शुरू कर दिया. इस तलाशी में पुलिस प्रशासन के हाथ कुछ भी नहीं लगा और यह धमकी झूठी निकल गयी.

इसके बाद तो देश भऱ में मानों धमकी का सिलसिला ही चल दिया, इसके बाद कानपुर और लखनऊ में स्कूलों को बम से उडाने की धमकी दी गयी, फिर अहमदाबाद के स्कूल और इसके बाद एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी. हालांकि, इन सभी स्थानों पर धमकी और पड़ताल का नतीजा सेम ही निकाला, हर जगह पर यह धमकी झूठी ही साबित हुई है. हालांकि, फोन से धमकी देने वालों के फोन को जब्त कर लिया गया है.

धमकी देने के मामले में सजा का क्या है प्रावधान ?

सामान्यतौर पर आपराधिक धमकी देने वाले आरोपी के खिलाफ दो साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं मिलने का प्रावधान है, वहीं यदि कोई जान से मारने, गंभीर हमला करने या आग से संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या खत्म करने की धमकी देता है तो, उसके लिए सात साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों सजाओं का प्रवाधान है. इसको लेकर कानून के जानकारों का कहना है कि, किसी भी तरह की बम की धमकी चाहें वह भले ही मजाक में दी गयी हो, उसे भारतीय कानून गंभीर अपराध की श्रेणी में रखता है. इसकी वजह यह है कि, धमकी सच हो या झूठ लेकिन इसकी अफवाह भर से भगदड़ का माहौल हो सकता है, जिससे आम नागरिक की जान और माल दोनों को खतरा रहता है. यही वजह है कि, धमकी देने वाले के खिलाफ 10 साल तक की अलग-अलग धाराओं में सजा का प्रावधान है.

UAPA के तहत हो सकती है सख्त कार्रवाई

इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि, बम से उडाने की धमकी देने पर दस साल की सजा हो सकती है, लेकिन अगर ऐसा लगता है कि धमकी जानबूझकर दी गई है तो, पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत कार्रवाई कर सकती हैं. उनका कहना है कि, बम से उडाने की धमकी कोई आम बात नहीं है और इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाता है. हालांकि, यह बात इस पर निर्भर है कि, किन परिस्थितियों में ऐसा किया गया. इसका अंतिम फैसला अदालत ही करती है, लेकिन धमकी पर 10 साल की सजा हो सकती है.

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धमकी मामलों में इन धाराओं दर्ज हुई एफआईआर

इन मामलों में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2) (जनता को डराने) और धारा 507 (गुमनाम संचार माध्यम से आपराधिक धमकी देने) और 120(बी) (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन धाराओं के अधीन दोषी पाए जाने पर कठोर सजा की व्यवस्था है.आईपीसी की धारा 505(2) के अनुसार, गैर जमानती संज्ञेय अपराध है, इसमें तीन से पांच साल की सजा और जुर्माना शामिल है.

गुमनाम संचार माध्यम से नाम छिपाकर आपराधिक धमकी देने पर धारा 507 के तहत दो साल की सजा हो सकती है. यह सजा किसी और धारा में दी गई सजा के अलावा है. धारा 120बी के तहत कार्रवाई की जाती है किसी व्यक्ति को दो साल या उससे अधिक समय के लिए जेल में डाल दिया जाए, उसे उसी तरह से सजा मिलेगी, जैसे कि उसने उसे अपराध करने के लिए प्रेरित किया था.

 

 

 

 

 

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