भारत में पिछले 65 वर्षों में 8 फीसदी हिन्दू आबादी घटी, तेजी से बढ़ रही मुस्लिम आबादी
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council of Prime Minister) ने भारत समेत दुनिया में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक आबादी को लेकर एक अध्ययन किया है. इस अध्ययन के अनुसार पिछले 65 सालों में भारत में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी घटी है. वहीं मुस्लिम आबादी करीब 14 फीसदी बढ़ी है. इस अध्ययन में 1950 और 2015 को आधार वर्ष बनाया गया. इसके मुताबिक देश में 1950 में हिंदुओं की आबादी 84.68 फीसदी थी, जो 2015 में घटकर 78.06 फीसदी रह गई. इस अध्ययन में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि, कंसल्लटेंट अपूर्व कुमार मिश्र, अब्राहम जोस शामिल थे.
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भारत में मुस्लिम आबादी सहित अन्य धर्मों में बढ़ोतरी
अध्ययन रिपोर्ट मई 2024 में जारी की गई थी. इसमें दुनियाभर के 167 देशों का अध्ययन किया गया है. स्टडी के लेखकों के मुताबिक इस दौरान मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह 1950 में 9.84 फीसदी थी. यह 2015 तक बढ़कर 14.09 फीसदी हो गई. वहीं इस दौरान ईसाइयों की आबादी में 5.38 फीसदी का उछाल देखा गया. यह 2.24 फीसदी से 2.36 फीसदी हो गई.
सिखों की आबादी में भी 6.58 फीसदी बढोतरी दर्ज की गई है.देश में सिखों की आबादी 1.24 फीसदी थी, जो 2015 में बढ़कर 1.85 फीसदी हो गई है. इसी तरह से बौद्धों की आबादी में भी बढोतरी दर्ज की गई है. अध्ययन के मुताबिक बौद्धों की आबादी 0.05 फीसदी से बढ़कर 0.81 फीसदी हो गई है.
भारत के पड़ोसी देशों का हाल
बांग्लादेश की बात करें तो वहां कि धार्मिक बहुसंख्यक आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह बढोतरी भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे अधिक थी. वहीं अगर पाकिस्तान की बात करें तो वहां बहुसंख्यक (धार्मिक हनफी मुस्लिम) की आबादी में 3.75 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. वहीं पूरी मुसलमान आबादी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. बता दें कि ऐसा तब हुआ जब 1971 में पाकिस्तान के बंटवारे के बाद बाग्लादेश बन गया.
वहीं गैर मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी वाले देशों में बहुसंख्यक आबादी में गिरावट देखा गया है. म्यांमार, भारत और नेपाल में बहुसंख्यक धार्मिक आबादी में गिरावट देखी गई. वहीं म्यांमार में थेरवाद बौद्ध की आबादी में 10 फीसदी की गिरावट देखी गई. यह इस इलाके में बहुसंख्यक धार्मिक समूह की सबसे बड़ी गिरावट है. नेपाल में बहुसंख्यक हिंदू आबादी में चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. वहीं बौद्धों की आबादी में तीन फीसदी की गिरावट आई तो मुस्लिम आबादी में इस दौरान दो फीसदी की बढोतरी दर्ज की गई.
अन्य देशों का हाल
इस अध्ययन के मुताबिक बहुसंख्यक बौद्ध आबादी वाले भारत के पड़ोसी देश भूटान और श्रीलंका में भी क्रमशः 17.6% और 5.25% की वृद्धि देखी गई. वहीं मालदीव में बहुसंख्यक समुदाय (शफीई सुन्नी) की हिस्सेदारी में 1.47% की गिरावट आई है. हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जहां बहुसंख्यक आबादी में भारत की अपेक्षा अधिक गिरावट देखी गई है. स्टडी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों और कुछ पूर्वी अफ्रीकी देशों की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में भारत की तुलना में ज्यादा गिरावट देखी गई है. 167 देशों में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी 1950-2015 से औसतन 22% कम हो गई है. इसके अतिरिक्त 35 उच्च आय वाले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के देशों में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में 29% की औसत गिरावट देखी गई, जो वैश्विक औसत 22% से अधिक है.