गंगानी ने कथक से शिव परिवार को किया प्रणाम,लंदन से आए राकेश ने छेड़ी बांसुरी की तान

संकटमोचन संगीत समारोह की पांचवी निशा

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वाराणसी: संकटमोचन संगीत समारोह की पांचवी निशा में पं. राकेश चौरसिया ने बांसुरी की प्रस्तुति देकर सभी श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया. पांचवीं निशा में राग रागिनियों से कला साधकों ने हनुमत प्रभु का श्रृंगार किया. कथक से शिव परिवार और राम दरबार की झांकी सजी, स्वरों से महाबली को भाव अर्पण किया तो बांसुरी की तान छेड़कर प्रभु को मन मोह लिया गया.

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लंदन से वापसी कर पहुंचे समारोह में

बुधवार की निशा समारोह में पहुंचे ग्रैमी अवार्ड विनर पं. राकेश चौरसिया लंदन से सीधे पहुंचे थे. उन्होंने बांसुरी के सुरों में राग तिलक कामोद के स्वरूप का निर्माण स्वरों से किया. पद्मविभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया के शिष्य राकेश चौरसिया ने मैहर घराने की खूबियों को सुरों में पिरो दिया. उन्होंने संकटमोचन के नेमियों को भी अपनी कलाकारी का मुरीद बना लिया. वहीं लोगों की आग्रह पर राम मिस्त्रपीलू में रघुपति राघव राजा राम धुन से उन्होंने अपनी प्रस्तुति का अंत किया. वहीं बनारस घराने के मशहूर तबलावादक पं. संजू सहाय ने बनारस बाज के साथ किये गए प्रयोगों को भी इस मंच से साकार किया.

हरीश गंगानी ने दी पहली प्रस्तुति

समारोह की पांचवी निशा की शुरूआत जयपुर घराने के कलाकार रहीश गंगानी के कथक से हुई. संकटमोचन के दरबार में अपने पहली हाजिरी लगा रहे हरीश ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. हर हर महादेव के जयघोष से नृत्य की शुरुआत कर उन्होंने शिव परिवार की अराधना की. राजस्थान की पारंपरिक रचना रंगील शम्भो गौरा ले पधारो प्यारा पावड़ा पर उन्होंने महादेव समेत मां पार्वती, कार्तिकेय और गणेश की वंदना की. तीन ताल में थाट, उठान, तोड़ा, टुकड़ा, तिहाई, परन, चक्करदार परन प्रस्तुत किये. थाट से परत तक की यात्रा के बीच कई ऐसे पड़ाव आये जब तबला और घुंघुरु के बीच अनोखा सामंज्स्य देखकर श्रोता नतमस्तक हो गये. पं. जसराज द्वारा स्वर एवं संगीतबद्ध गोस्वामी तुलसीदास की रचना भरत भाई कपि से उरिन हम नाहिं पर उन्होंने भक्त हनुमान के विविध भाव को अभिव्यक्त किया.
वहीं, चौथी प्रस्तुति में कर्नाटक से आए जयतीर्थ मेवुंडी ने आधी रात मंच संभाला और प्रभु श्री राम की महिमा का गान करते हुए आशीर्वाद लिया. उन्होंने राग मालकौस में विलंबित एक ताल में बंदिश सुनाई जिसके बोल थे, जिनके मन राम विराजे … इसके बाद द्रुत तीन ताल में आज मेरे घर आए बलमा… की प्रस्तुति दी. इनके साथ तबले पर पंडित केशव जोशी, संवादिनी पर मोहित साहनी और सारंगी पर गौरी बनर्जी सती ने संगत की.

आज इनकी रहेगी प्रस्तुति

संकटमोचन संगीत समारोह के 6वें और आखिरी दिन भी कई कलाकार अपनी प्रस्तुति को पेश करेंगे. भावना रामण्ण(भरतनाट्यम), पं. उमाकान्त-रमाकान्त(ध्रुपद), एस. आकाश(बांसुरी), कवित कृष्णमूर्ति(गायन), डॉ. एलस सुब्रमण्यम(वायलिन), कंकना बनर्जी(गायन), पं. पूर्वायन चटर्जी(सितार) और पं. हरीश तिवारी(गायन) अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे.

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