संदेशखाली पीड़िता और बीजेपी प्रत्याशी को दी गई X कैटेगरी की सुरक्षा
गृहमंत्रालय ने बीजेपी प्रत्याशी के अलावा 5 अन्य लोगों को दी सुरक्षा
संदेशखाली पीड़िता और बशीरहाट से भाजपा प्रत्याशी रेखा पात्रा को X कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गयी है. यह फैसला उस समय पर लिया गया है जब रेखा अपनी जान को खतरा का दावा कर रही थी. इस फैसले को लेते हुए गृहमंत्रालय ने रेखा के अलावा बंगाल के पांच और प्रत्याशियों को X कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है. बता दें कि, रेखा पात्रा संदेशखाली जैसे अशांत इलाके की आम सी गृहणी रही हैं. भाजपा ने बशीरहाट लोकसभा सीट से गिरफ्तार टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों की यातना से पीड़ित रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है, इसी क्षेत्र से संदेशखाली आता है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पात्रा को शक्ति स्वरूपा कहा था.
इन लोगों को X कैटेगरी की सुरक्षा
गृह मंत्रालय ने छह बीजेपी उम्मीदवारों को X और Y कैटेगरी में सुरक्षा दी है. अब इन सभी की सुरक्षा करने के लिए CISF के जवान लगाए जाएंगे. जिन लोगों को यह सुरक्षा प्रदान की गयी है उनमें झारग्राम से उम्मीदवार प्रनत टुडू को X कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है, रायगंज से उम्मीदवार कार्तिक पॉल को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है, बहरामपुर से उम्मीदवार निर्मल साहा को X कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है, जयनगर से कैंडिडेट अशोक कंडारी को X कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है और मथुरापुर से उम्मीदवार अशोक पुरकैत के नामों को शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि, गृहमंत्रालय अब तक, पश्चिम बंगाल के सौ से अधिक बीजेपी नेताओं को सुरक्षा प्रदान कर चुका है. इन नेताओं को खतरे की आशंका के कारण सुरक्षा दी गयी है. बता दें कि संदेशखाली मामले के बाद केंद्रीय एजेंसियों को भी लक्षित किया गया था, ईडी और सीबीआई के कर्मचारियों को भी सुरक्षा के साथ छापेमारी के लिए भेजा गया.
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क्या है संदेशखाली की पूरा मामला ?
संदेशखाली पश्चिम बंगाल का एक गांव है, संदेशखाली गांव का यह पूरा विवाद प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद सुर्खियों में आया था. दरअसल, 2024 की 5 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां से संदेशखाली में पूछताछ की गई. लेकिन इसी दौरान भीड़ ने ED अधिकारियों और CRPF जवानों पर हमला कर दिया. जब ईडी ने इस मामले में छापेमारी की तो, हैरान कर देने वाला सच सामने आया है जिसमें महिलाओं को बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न और टीएमसी के स्थानीय नेता शेख शाहजहां की निरंतर अपराधिक घटनाओं के विरोध में संदेशखाली की महिलाएं सड़कों पर उतर कर आयी. अगर 5 जनवरी को ED की टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में छापेमारी करने के लिए नहीं पहुंचती, तो देश को शायद ही कोई जानकारी मिलती.