साइबर क्राइम करने वालों पर कसेगा शिकंजा, आरबीआई अब एक्शन में
बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए रिजर्व बैंक अब एक्शन मोड में आ गया है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक इससे जुड़े दिशानिर्देशों में बदलाव करने की योजना बना रहा है ताकि बैंकों को कुछ अतिरिक्त अधिकार मिल सके. इसके तहत बैंकों को साइबर क्राइम करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संदिग्ध खातों को अस्थायी रूप से फ्रीज करने की अनुमति मिल सकेगी.
पीड़ितों को मिलेगी राहत
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि आरबीआई जल्द ही बैंकों को ऐसे खातों को निलंबित करने की अनुमति दे सकता है जो उसे संदिग्ध लग रहे हों. फिलहाल बैंक पुलिस द्वारा साइबर क्राइम रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ही संदिग्ध खातों को फ्रीज कर पाती है लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के नए कदम से पीड़ितों को पहले पुलिस शिकायत दर्ज करने की अनिवार्यता से मुक्ति मिलेगी.
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क्या कहा सूत्रों ने
सूत्रों ने कहा कि बैंकिंग नियामक आरबीआई, गृह मंत्रालय की साइबर धोखाधड़ी से लड़ने वाली एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर बैंकों के लिए अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करेगा. इस मामले को लेकर रॉयटर्स ने वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय और आरबीआई से जवाब मांगा है. हालांकि अब तक सरकार कि तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
2,50,000 संदिग्ध खातों पर आरबीआई का एक्शन
इंटरनल सरकारी डेटा के मुताबिक साल 2021 से साइबर फ्रॉड से वित्तीय संस्थानों में लगभग 1.26 बिलियन डॉलर का फंड आया है. जानकारी के मुताबिक हर दिन लगभग 4,000 धोखाधड़ी वाले खाते खोले जाते हैं. वहीं हर दिन हजारों लोगों के साथ फोन कॉल के जरिए फ्रॉड की कोशिश की जाती है. इनमें से कई के बैंक खातों और वॉलेट से फ्रॉड हो भी जाता है और फ्रॉड के बाद रकम संदिग्ध खातों में जमा हो जाती है. एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन महीनों में सरकार ने पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किए गए 2,50,000 संदिग्ध खातों को निलंबित कर दिया है.
Written By: Harsh Srivastava