बिहार की जनता को नीतीश कुमार का खुला पत्र, लालू-तेजस्वी पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक दो दिन पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की जनता को एक पत्र लिखा है. उन्होंने इस पत्र में पिछले शासन की स्थिति का जिक्र किया है. जदयू प्रमुख ने पत्र में कहा कि बिहार की सेवा करना उनका धर्म है और पूरा राज्य उनके परिवार की तरह है.
राज्य के सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे कुमार ने अपने धुर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद और राजद का नाम लिए बिना पत्र के जरिए हमला बोला है. उन्होंने कहा, आपको पिछले शासन के तहत बिहार की दुर्दशा याद होगी. जब घोटाले, हत्या, डकैती और अन्य प्रकार के अपराध बिहार को परिभाषित करने लगे थे. व्यापारी और उद्योगपति दूसरे राज्यों में चले गए. यहां तक कि फिरौती के लिए डॉक्टरों का भी अपहरण किया गया.
सेवा करना धर्म, पूरा राज्य मेरा परिवार
नीतीश कुमार ने पत्र में आगे लिखा है कि “बिहार के उत्थान के लिए 2005 से लेकर अब तक मेरे द्वारा किए गए काम के बारे में आप सभी जानते हैं. आज, हमारे राज्य ने बिजली, सड़क, शिक्षा और कानून-व्यवस्था में सर्वांगीण प्रगति के साथ अपना खोया हुआ गौरव वापस पा लिया है. बिहार की सेवा करना मेरा धर्म है. पूरा राज्य मेरे लिए परिवार जैसा है.”
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पत्र में मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव के इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन किया कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियां कराईं. नीतीश कुमार ने लिखा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में, मैंने 10 लाख सरकारी नौकरियों और इतनी ही संख्या में रोजगार का वादा किया था. उन्होंने कहा, “मैं आपसे वादा करता हूं कि मेरी सरकार सरकारी नौकरियों सहित रोजगार सृजन जारी रखेगी.”