वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र में गुरूवार की सुबह चूल्हे की चिंगारी से दो सगे भाइयों की मड़इयों के साथ ही गृहस्थी का सारा सामान जलकर खाक हो गया. इस अग्निकांड में खूटें से बंधी दस बकरियां जल मरीं और दो गायें गंभीर रूप से झुलस कर जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही हैं. आग से दोनों भाइयों के जिवकोपार्जन का जरिया बकरियां और गायें झुलस ही गईं और गृहस्थी का कोई सामान नही बचा. जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत छांही के राजभर बस्ती में पारसनाथ राजभर व भैयालाल सगे भाईयों का परिवार रहता है.
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जान बचाने के लिए भागे परिवारवाले
छोनों भाइयों के पक्के घर के बाहर झोपड़ियां हैं. सुबह बकरियां और गायें झोपड़ियों में खूंटे से बंधी थीं. इसी दौरान भैयालाल की पत्नी चूल्हे पर खाना बना रही थी. सुबह से तेज हवाओं का असर था. इसी बीच चूल्हें से निकली चिंगारी मड़ई तक पहुंची. देखते ही देखते आग की लपटों ने झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया. परिवारवालें जान बचाते हुए बाहर भागे और मदद की गुहार लगाने लगे. आसपास के लोग पहुंचे. तबतक आग ने विकाराल रूप घारण कर लिया और पक्के मकान भी उसकी जद में आ चुके थे.
जान बचाने के लिए खूंटे से मुक्त नही हो पाए मवेशी
आसपास के लोग अपने संसाधनों से आग पर काबू पाने के प्रयास में जुट गये. फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. कुछ देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची लेकिन रास्ता संकरा और रास्ते में नीचे तक लटकते बिजली के तारों के कारण आग नही जा सकी. इधर, लपटों से घिरीं बकरियां और गायें खूटें से मुक्त होने का प्रयास करती रहीं. लेकिन इतना जबर्दस्त बांध दिया गया था कि वह उसी में झुलस गईं. अंततः पक्के मकान में भी रखे गृहस्थी के सामान जल गये. मौके आग बुझाने के लिए फेंकी गई पानी और राख के अलावा कुछ नही दिख रहा था. आग की चिंगारी ने इस परिवार के वर्षों की मेहनत पर पानी फेर दिया. अब उनके सामने खाने के भी लाले पड़ गये हैं. सूचना पर पहुंचे पशु चिकित्साधिकारी झुलसी गायों का उपचार में लगे रहे. लेकिन उनकी भी हालत गंभीर है.