Navratri Specials: मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन से होती है सभी मुरादें पूरी…
जाने पूजन विधि और इससे जुड़ी रोचक बातें
Navratri Specials: नवरात्रि के पवन पर्व की शुरुवात कल से हो गई है इसी क्रम में आज मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा का दिन है. ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन का बहुत महत्व कहा जाता है कि मां के इस रूप की दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है और साथ ही उनकी सभी मुरादें पूरी होती हैं. आइए जान लेते हैं कैसे हुई मां ब्रह्मचारिणी की उत्पत्ति और साथ ही जानते हैं पूजा विधि और भी बहुत कुछ.
ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा का विशेष महत्त्व
नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्त्व है, मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा के नौ रूपों में से दूसरा रूप हैं और इनकी आराधना नवरात्रि के दूसरे दिन होती है. इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है. साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह से जुड़े सारे दोषों से मुक्ति मिल जाती है और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से सभी रुके हुए कार्य भी पूर्ण हो जाते हैं .
मां ब्रह्मचारिणी का नाम कैसे पड़ा ?
माता ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर कन्या रूप में जन्म लिया था. भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की. इस कठिन तपस्या के कारण उनका नाम तपस्चारिणी यानि ब्रह्मचारिणी पड़ा.
क्या है मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि में विशेष रूप से ब्रह्मामुह्रत में उठकर स्नान करना होता है, इसके बाद पूजन विधि के लिए मंदिर के पास बैठ कर जप किया जाता है. मां ब्रह्मचारिणी को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाया जाता है और प्रसाद में सबसे पहले पंचामृत अर्पित किया जाता है साथ ही पंचामृत चढ़ाते समय ॐ ऐं नमः का जाप 108 बार करते हैं.
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वाराणसी में मां ब्रह्मचारिणी का विषय महत्त्व
काशी में बालाजी घाट स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में दर्शन करने श्रद्धालु अन्य जिलों से भी आते हैं ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के इस रूप के दर्शन करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और साथ ही सभी मुरादें भी पूर्ण होती हैं. नवरात्रि शुरू होते ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजन के लिए पहुंचते हैं.
written by – Tanisha Srivastava