Laapata Sitaare : हादसे से बर्बाद हुए कॅरियर के बाद जानें आज कहां है अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह ?
Laapata Sitaare : मुंबई की मायानगरी में हर कोई एक ब्रेक मिलने की जद्दोजहद में लगा रहता है. हजारों आंखें हर रोज रेड कार्पेट पर उतरने का ख्वाब लिए सोती हैं और दूसरी सुबह फिर एक नए काम की तलाश में जगती हैं. सालों-साल यह सिलसिला यूं ही चलता रहता है. ऐसे में कुछ को मंजिल मिलती हैं और कुछ बस सफर में ही रह जाते हैं. लोग इन लोगों को बदकिस्मत कहते हैं, लेकिन बॉलीवुड में एक हिस्सा और भी है जो इन से भी ज्यादा बदकिस्मत है. वह हिस्सा ऐसे सितारों का है जिनकी किस्मत रंग लाई और ब्रेक भी मिला. यहां तक उन्होंने हिट फिल्म भी या यूं कहे कि ब्लाकबस्टर फिल्म भी दी, लेकिन फिर भी उनकी किस्मत का सूरज उग न पाया और वे बॉलीवुड की चमचमाती इंड्रस्टी में कहां गुम हो गए किसी को खबर भी नहीं…
जर्नलिस्ट कैफे की इस सीरिज में हम ऐसे ही लापता सितारों की बात करने जा रहे हैं, जो हिट फिल्म देने के बाद अपनी किस्मत के सूर्य का उदय नहीं कर पाए और बॉलीवुड की इस भीड़ में कहीं लापता हो गए. आज वे कहां हैं किस हाल में शायद ही कोई जानता हो. इस कड़ी के चौथे एपिसोड में आज हम बात करने जा रहे हैं गुलजार की फिल्म माचिस से पहचान पाने वाले मशहूर अभिनेता चन्द्रचूड़ सिंह के बारे में….
एक अनहोनी ने बर्बाद कर दिया चन्द्रचूड़ का कॅरियर
फिल्म माचिस और जोश जैसी हिट फिल्मों में काम करने वाले मशहूर अभिनेता चन्द्रचूड़ वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं है, उनकी बेमिसाल एक्टिंग और गुड लुकिंग की वजह से 90 के दशक में वे काफी लोकप्रिय अभिनेताओं में शूमार थे. उन्होने अपनी डेब्यू फिल्म तेरे मेरे सपने के लिए फिल्म फेयर अवार्ड तक जीता था. वो एक दौर था जब हर कोई चन्द्रचूड़ को साइन करना चाहता था, यहां एक बार तो उन्होने करण जौहर के ऑफर को भी ठुकरा दिया था. इन सब के बावजूद चन्द्रचूड़ की जिंदगी की एक अनहोनी ने उनके पूरे फिल्मी कॅरियर पर ग्रहण लगा दिया, आज वे कहां, कैसे है, क्या करते है कोई नहीं जानता है.
चन्द्रचूड़ का जन्म साल 1968 में यूपी के जिला अलीगढ में हुआ था, उनके पिता कैप्टसन बल्देव सिंह थे. जो चन्द्रचूड़ को आईएएस बनना चाहते थे और वे खुद भी आईएएस की तैयारी कर रहे थे. वही पढाई खत्म होने के बाद तैयारी के साथ चन्द्रचूड़ दून स्कूल में बच्चों को पढाने लगे, यहां स्कूल में चन्द्रचूड़ बच्चों को हिस्ट्री पढाया करते थे. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. इस दौरान उन्हे मुंबई से एक फिल्म के लिए ऑफऱ आया, इस ऑफर में उन्हे फिल्म आवारगी में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम करने का मौका मिला था. वही इसके बाद चन्द्रचूड़ ने साल 1996 में फिल्म तेरे मेरे सपने में बतौर अभिनेता फिल्मी कॅरियर में कदम रखा. इस फिल्म को अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसे बनाया था, यह फिल्म तो नहीं चल पाई, लेकिन चन्द्रचूड़ के कैरियर की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली थी.
फिल्म माचिस के लिए मिला था फिल्म फेयर अवार्ड
इसके बाद ही चंद्रचूड़ ने को साल 1996 में ही ऑफर हुई फिल्म माचिस में वे अभिनेत्री तब्बू के साथ नजर आए थे, यह फिल्म उनके करिअर को एक नई ऊंचाई दे गयी और लोगों के बीच उनकी शानदार पहचान बनाई. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. फिर वह 1999 में संजय दत्त के साथ ‘दाग: द फायर’ और 2000 में ‘क्या कहना’ और जोश जैसी हिट फिल्मों में नजर आए थे. इन फिल्मों से उन्होंने काफी तेजी से अपना करियर बनाया, लेकिन अचानक उनके साथ हुए एक हादसे ने उनका पूरा फिल्मी कैरियर बर्बाद करके रख दिया.
इस हादसे के बारे में बताते हुए एक इंटरव्यू में चन्द्रचूड़ ने बताया कि, गोवा में वॉटर स्कीइंग के दौरान उनके कंधे पर गहरी चोट आ गई थी और उस वक्त वह कई फिल्मों में काम कर रहे थे और उनकी चोट की वजह से उनकी फिल्मों की शूटिंग रुक गई. इस दौरान उन्होंने फिजियोथेरेपी भी करवाई और इसके अलावा सर्जरी भी करवाई, लेकिन उनकी समस्या दूर नहीं हो पाई और इससे उनके करियर में काफी प्रभावित पड़ा. इसके बाद 10 सालों तक वह काम नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, एक बार साल 2012 में उन्होंने फिल्म ‘चार दिन की चांदनी’ से पर्दे पर वापसी की, लेकिन सफलता उन्हें नहीं मिली.
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फिल्म आर्या से की थी वापसी
इसके बाद वे फिर लम्बे समय के लिए गायब हो गए थे, उसके बाद साल 2020 में वेब सीरिज आर्या में सुष्मिता सेन के साथ काम करते नजर आए थे. यहां से उनकी किस्मत ने साथ दिया और यह वेबसीरिज काफी पसंद की गयी थी. हालांकि, इस फिल्म के बाद वे कही नजर नहीं आए. वही बात करें अगर चन्द्रचूड़ की पर्सनल लाइफ की तो मई 1999 में चंद्रचूर ने अवंतिका मनकोटिया से शादी की थी, जो कि एक हाउस वाइफ है. इस शादी से चंद्रचूड को एक प्यारा सा बेटा श्रांजय भी है.