वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र के भैसासुर घाट (राजघाट पुल के पास) पर शुक्रवार की शाम बिना सुरक्षा उपकरण के गहरे सीवर की सफाई के लिए उतरे सफाईकर्मी घूरेलाल (50) की जहरीली गैस से मौत हो गई. वह मछोदरी का निवासी था. जबकि उसे बचाने के लिए उतरा दूसरा सफाईकर्मी बेहोश होने लगा तो उसे बचा लिया गया. बड़ी गंभीर बात यह है कि घूरेलाल की सीवर में उतरने से मौत हो गई तो वहां मौजूद सफाई ठेकेदार छोड़कर भाग निकला. बाद में एनडीआरएफ की टीम ने उसके शव को बाहर निकाला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया.
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जानकारी के अनुसार भैसासुर घाट स्थित रविदास मंदिर के पास सीवर जाम की सूचना पर सफाई ठेकेदार के साथ दो सफाईकर्मी पहुंचे. उस समय सफाईकर्मियों के पास गटर में उतरने के लिए कोई सुरक्षा उपकरण नही था. बताते हैं कि सीवर का ढक्कन खोला गया. इसके बाद पहले घूरेलाल सीवर में उतरा. नीचे उतरा तो वहां जहरीली गैस की चपेट में आ गया. कुछ देर तक कोई हरकत नही हुई.
बचाने उतारा दूसरा साथी भी हुआ बेहोश तो बचाया गया
आवाज लगाने पर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नही हुई तो उसका दूसरा साथी रस्सी के सहारे उतारा. तबतक सफाई ठेकेदार और दो-तीन और लोग आ चुके थे. दूसरा साथी जैसे ही अंदर गया तो उसे जहरीली गैस महसूस हुई और वह बेहोश होने लगा. इसके बाद उसने अंदर से रस्सी हिलाने लगा. यह देख बाहर मौजूद साथियों ने उसे खींच लिया. दूसरा साथी भी अचेतावस्था में था. घूरेलाल के बाहर न निकलने और दूसरे साथी की हालत देख सफाई ठेकेदार मौके से भाग निकला. इसके बाद घटना की सूचना आदमपुर पुलिस को दी गई. कुछ देर बाद चौकी प्रभारी बृजेश सिंह सहयोगियों के साथ पहुंचे. सीवर में जहरीली गैस की आशंका देख पुलिस ने एनडीआरएफ को सूचित किया. कुछ देर के बाद एनडीआरएफ टीम पहुंची. टीम ने पहले रस्सी के सहारे जलता दीपक डाला तो वह बुझ गया. इससे अंदर जहरीली गैस की पुष्टि हो गई. इसके बाद एनडीआरएफ जवान आक्सीजन की टंकी और मास्क लगाकर नीचे उतरा. तब जाकर घूरेलाल की लाश निकाली गई. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को मंडलीय अस्पताल भेजवाया. सूचना पर घूरेलाल के परिजन और परिचित पहुंच गये थे. सभी सफाई ठेकेदार को खोज रहे थे.