हरीश रावत ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप

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देहरादून। उत्तराखंड के निवर्तमान सीएम हरीश रावत ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि 18 मार्च को विधानसभा से राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद इसका असर केवल उत्तराखंड तक ही सीमित नहीं है। रावत ने कहा कि लोकतंत्र के लिए जरुरी है कि जनता के माध्यम से सत्ता पर आना चाहिए।

रावत ने कहा की अब भी उत्तराखंड के अलावा कई सरकारों पर खतरा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल के बाद ये खतरा अन्य राज्यों में भी बढ़ गया है। धर्मनिरपेक्षता खतरे में है और सारी चीजे लोगों पर थोपा जा रहा है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि 18 मार्च को विधानसभा के स्थगन के बाद विधानसभा में घटित घटना क्रम को लेकर और राष्ट्रपति शासन लगने तक सैद्धान्तिक प्रश्न उठता है की धर्मनिरपेक्ष सरकार कायम रहेंगी या नहीं।

उन्होंने कहा कि राजनैतिक एजेंडे के लिए आप जनता का रास्ता अपना सकते है। यदि भाजपा को कांग्रेस और विपक्ष मुक्त भारत बनाना है तो जनता का रास्ता चुनना चाहिए। लेकिन जिस तरह भाजपा ने दूसरा रास्ता इख्तियार किया है उसके खिलाफ कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या के नाम से संघर्ष कर रही है।

सीएम ने कहा कि जिस तरह से असहिष्णुता बढ़ी है उससे धर्मनिरपेक्षता खतरे में है। देश के सभी धर्मनिरपेक्ष लोगों का साथ उत्तराखंड में कांग्रेस के साथ है। सीएम ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर सभी धर्मनिरपेक्ष लोगों को ऐसे लोगों से लड़ने का संकल्प लेना चाहिए। भाजपा भले ही आंबेडकर जयंती की बात करे लेकिन उनकी सोच बाबा आंबेडकर वाली सोच नहीं है।

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