“सीएए से किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं जाएगी”
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बोले- मुस्लिमों में खौफ पैदा कर रही सपा
केंद्र की मोदी सरकार ने 11 मार्च को सीएए के लागू होने वाले नियमों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. इसके बाद सीएए पूरे देश में लागू हो गया. अब सीएए के लागू हो के बाद इसका कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं. इसमें सियासी पार्टियों के अलावा मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल हैं. वहीं बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने सीएए का समर्थन कर इसका स्वागत किया है.
यह नागरिकता देने का कानून है
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा कि “इस कानून से हिंदुस्तान के मुसलमान को डरने की जरूरत नहीं है. यह कानून किसी की भी नागरिकता नहीं छीन सकता, बल्कि यह नागरिकता देने का कानून है.”
राजनीतिक दलों के बयानों पर ध्यान न दे मुस्लिम
सीएए का समर्थन करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ सियासी पार्टियां अपने फायदे के लिए चुनावों में मुस्लिमों का इस्तेमाल करना चाहती हैं. इसलिए सीएए का डर दिखाया जा रहा है. उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी मुसलमान किसी भी संगठन और राजनीतिक दलों के बयानों पर कतई ध्यान ना दें.
मुसलमानों को जरूरत है सावधान रहने की
मौलाना शहाबु्द्दीन रिजवी ने आगे कहा कि सपा नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर मुसलमानों को डराने का काम कर रही है. इसी के दम पर लोकसभा चुनाव में वोट पाना चाहती है, लेकिन सपा और अन्य पार्टियां जो सीएए का खौफ पैदा करने की कोशिश कर रही हैं, मुसलमानों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है.
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भारतीय मुसलमान से सीएए का नहीं है कोई लेना-देना
बीते दिन भारत सरकार ने सीएए लागू कर दिया. इसको लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा, “मेरी ऑल इंडिया मुस्लिम जमात सरकार इस फैसले का तहे-दिल से इस्तकबाल करती है. इस कानून में मुसलमान से मुतालिक कोई चीज नहीं है. इससे ना तो डरने की जरूरत है ना ही घबराने की. सीएए का भारतीय मुसलमान से कोई लेना-देना नहीं है. यह कानून उन गैर मुसलमानों के लिए बनाया गया है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए हैं और भारत में काफी साल से रह रहे हैं. जिनको शहरियत नहीं मिली है उनको शहरियत देने के लिए सरकार ने यह कानून बनाया है.”