क्या होती है Dry Ice, जिसे खाने से गुरुग्राम के रेस्टोरेंट में खून की उल्टी करने लगे थे लोग

0

गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस खाने से खून की उल्टी करने का एक मामला सोमवार (4 मार्च) को सामने आया . ड्राई आइस खाने से पांच लोगों की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद इन सभी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इसमें दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. अब इस मामले में रेस्टोरेंट संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है. अब जानते हैं कि आखिर ये ड्राई आइस क्या होती है और कैसे बनती है?

जिन लोगों की ड्राई आइस खाने के बाद तबीयत खराब होने वालों को जब अस्पताल ले जाया गया तो वहां पर इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि इन लोगों ने रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर के तौर पर जो खाया था, वो ड्राई आइस थी. डॉक्टरों ने बताया कि ये कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है. इसका उपयोग कूलिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है. इसका इस्तेमाल मेडिकल से लेकर फूड इंडस्ट्री में होता है. यह एकदम सूखी बर्फ होती है, लेकिन खास बात ये है कि इसको बनाने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ये काफी खतरनाक होती है.

कैसे बनाई जाती है ड्राई आइस?

इस बर्फ को बनाने के लिए पहले कार्बन डाई ऑक्साइड को 109 डिग्री फॉरेनाइट तक ठंडा करके कम्प्रेस किया जाता है, जिससे यह गैस बर्फ बन जाती है और इसकी शेप छोटे या बड़े टुकड़े में कन्वर्ट कर दी जाती है.

कहां होता है ड्राई आइस का इस्तेमाल?

इस बर्फ के इस्तेमाल की बात करें तो इसे मेडिकल से लेकर फूड इंडस्ट्री में जमकर उपयोग में लाया जाता है. क्योंकि यह एक कूलिंग एजेंट होता है. इसके अलावा ड्राई आइस का इस्तेमाल फोटोशूट और थियेटर में भी किया जाता है. इस बर्फ को जब पानी में डाला जाता है तो इसमें से धुआं निकलने लगता है और पूरा क्षेत्र जहां तक धुआं फैलता है जम जाता है. ये इसलिए खतरनाक होती है क्योंकि ये कार्बन डाई ऑक्साइड गैस होती है. जब ये शरीर के अंदर जाती है तो शरीर की सेल्स सिकुड़कर मरने लगती हैं. इसलिए इसे छूने से भी मना किया जाता है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More