सनातन धर्म में गोहत्या महापाप है. गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है. इसलिये सत्ता में आकर गोहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है. ऐसे में हिन्दुओं को इससे बचने की जरूरत है और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने चाहिए.
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यह बातें सोमवार को वाराणसी के केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में पत्रकारवार्ता के दौरान ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कही. उन्होंने कहाकि गोहत्या बन्द करने के लिए सबको आगे आना होगा. आगामी 10 मार्च को पूर्वाह्न 10 बजे केवल 10 मिनट के लिए अपने-अपने घरों, कार्यालयों और प्रतिष्ठान के बाहर निकलकर गोमाता के प्रति अपने हृदय की भावना को व्यक्त करें. पूरे देश में यह दस मिनट की बन्दी रखकर गोरक्षा का सन्देश देना है.
सनातनियों के देश में गोहत्या कलंक
शंकराचार्य ने कहा कि हमारे शास्त्र बताते हैं कि गौमाता सर्वदेवमयी है. इनकी पूजा करने से 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है. इनका स्थान सर्वोपरि है. सनातन धर्म में देवता और गुरु के लिए नहीं, बल्कि गौमाता के लिए पहली रोटी (गौ-ग्रास) निकालने का नियम है. हमारे देश का यह भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है कि चक्रवर्ती सम्राट दिलीप और भगवान् राम कृष्ण आदि ने भी गौसेवा की है. परन्तु बहुसंख्यक गौ-पूजक सनातनियों के इस देश में आज गौमाता की हत्या हो रही है जो हम सबके लिए कलंक है. इसी कलंक को भारत भूमि से मिटाने के लिए पूर्व में भी अनेक सन्तों ने धर्मसम्राट स्वामी करपात्रीजी महाराज एवं शंकराचार्यों के नेतृत्व में गौरक्षा आन्दोलन किया था. तब से अब तक अनेक सरकारें आईं पर किसी ने भी गौहत्या बन्दी की उद्घोषणा नहीं की बल्कि मुगलों, आक्रमणकारियों और अंग्रेजों द्वारा की जा रही गो हत्या को बढ़ावा देती रहीं. जब देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और रामजी के आने की बात कही जा रही है तब भी अमृत (दूध) देने वाली गोमाता की हत्या होती सरासर अन्याय है. इसे किसी भी दशा में रोका जाना चाहिए. सनातनी चाहते हैं कि भारत में गोहत्या को दण्डनीय अपराध माना जाय और गोमाता को पशुसूची से निकालकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाय.
गोमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए करेंगे पदयात्रा
उन्होंने कहाकि जिस प्रकार देश में राष्ट्र ध्वज, राष्ट्रीय पक्षी आदि को संविधान में सम्मान प्राप्त है वैसे ही गौमाता को भी राष्ट्र माता का सम्मान प्राप्त हो. धर्म हमें यह भी सिखाता है कि यदि हम गलत करने वाले का समर्थन करते हैं तो हमें भी उस गलत कार्य को करने का पाप भोगना पडता है. यदि कोई सरकार गौहत्या कर रही हो और हम उसे वोट देकर अपना समर्थन देते हैं तो उसके द्वारा किए जा रहे गोहत्या का पाप भी हमें लगेगा. शंकराचार्य ने कहाकि गोमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए वह वृन्दावन से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे. यह यात्रा गोवर्धन परिक्रमा से आरम्भ होगी. वर्ष 1966 में जहां गोभक्तों पर गोली चली थी संसद भवन दिल्ली के उस स्थान पर जाकर रामा गो की रक्षा करने के संकल्प के साथ पूर्ण होगी.