Farmer महापंचायत का फैसला : जान दे देंगे मगर जमीन नहीं

बैरवन में आयोजित किसान महापंचायत में किसानों ने किया एलान, संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा का हुआ गठन

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मोहनसराय किसान संघर्ष समिति की ओर से बैरवन पंचायत भवन पर दोपहर आयोजित किसान महापंचायत मे ट्रांसपोर्ट नगर योजना के प्रभावित किसानों का हुजूम उमड़ा. महापंचायत में मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से प्रभावित बैरवन, करनाडाड़ी, मोहनसराय और मिल्कीचक के किसानों के साथ काशी द्वार, रिंग रोड, स्पोर्ट्स सिटी, आवासीय योजना, वरूणा विहार और वैदिक सिटी के अंदोलनकारी किसान शामिल हुए. इस दौरान सर्वसम्मत से वाराणसी में किसानों की जमीन अवैधानिक तरीके से सरकार और प्रशासन द्वारा जबरन अधिग्रहण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के संकल्प के साथ संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा का गठन हुआ. किसानों ने एलान कर दिया कि जीवन दे देंगे मगर जमीन नहीं. अब इस संकल्प के साथ न्याय की लड़ाई होगी.

विभिन्न चरणों में हुई आंदोलन की घोषणा

भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के पालन के लिए पांच चरण में अन्दोलन की रणनीति सर्वसम्मत से बनी. पहले चरण में 26 फरवरी से 29 फरवरी तक शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन व पत्रक दिया जायेगा. दूसरे चरण में 1 मार्च से बेमियादी धरना एवं प्रभावित क्षेत्रों में सत्याग्रह मार्च, तीसरे चरण में 5 मार्च को जिला मुख्यालयल का घेराव, जिसमें ट्रैक्टर मार्च और पालतू जानवर सहित चूल्हा चौका सहित घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन होगा. चौथे चरण में अधिग्रहण से प्रभावित गांवों में सरकार में शामिल राजनीतिक दलों का बहिष्कार करने का कार्यक्रम है. त्याग पत्र एवं जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के खिलाफ थू-थू दिवस मनाया जाएगा. पांचवें चरण में आमरण अनशन करने का किसानों ने दोनों हाथ उठाकर संकल्प लिया। कहाकि आमरण अनशन कर शरीर त्याग देंगे लेकिन जमीन अवैधानिक तरीके से जीते जी लूटने नही देंगे. किसान महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे विनय शंकर राय ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून का खुला उलंघन कर अवैधानिक तरीके से किसानों की जमीन लूटी जा रही है. सरकार और भाजपा को अल्टीमेटम दिया गया कि अगर 29 फरवरी तक सरकार गंभीरता से किसानों के मुद्दे पर लिखित समझौता के तहत भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर लिखित समझौता करेगी तो ठीक अन्यथा 1 मार्च से किसान करो मरो के संकल्प के साथ आर – पार की लडाई का बिगुल बजा देंगे. किसान आमरण अनशन करके शरीर त्याग देगे, लेकिन अपनी पुस्तैनी जमीन जीते जी लूटने नही देंगे. धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण प्रसाद पटेल उर्फ छेदी बाबा ने किया. महापंचायत में प्रमुख रूप से रामजी सिंह पटेल, शशि प्रताप सिंह, सुजीत यादव, हरीश मिश्रा, मिठाई लाल, उदय प्रताप पटेल, अमलेश पटेल, योगीराज पटेल, डा. विजय नरायण पटेल, मेवा पटेल, लालमनि देवी, जगमनि देवी, पार्वती देवी, सुनीता देवी ने विचार व्यक्त किये.

सभा में यह रहे मौजूद

इसके अलावा सभा में रवि पटेल, संजय पटेल, विजय, शंकर पटेल, छोटेलाल, सुजीत, जयप्रकाश, अखिलेश, रामधनी, दिनेश, रामराज, बब्लू, नीरज, अंशु, रामकुमार, राकेश, अजीत, सुरेंद्र, रामबली, श्यामजीत, अरुण, शिवम, विशाल, ब्रिजेश, विनोद, प्रमोद, मनोज, संतराम, कल्लू, बालचंद्र, रोहित, दूधनाथ, दीपक, मुकेश, मुन्नालाल, किसान पाल, संजय, रामबली, अवधेश प्रताप, मेवा पटेल, राहुल पटेल, संजू बाबा, तूफानी पटेल, दुलारी देवी, सोनी देवी, निर्मला देवी, राधा देवी, चमेला देवी, दुर्गावती देवी, आशा देवी, माधुरी, माझरी देवी, पार्वती, सीता,सुखदेई, जड़ावती, जलवंती देवी देवी, सुंदरी देवी, विजय शंकर, विजय गुप्ता, पांचू गुप्ता, नंदू पटेल,सूरज पटेल, राजा पटेल, महेंद्र पटेल, सुरेश मौर्या, भृगु पटेल, बाबू पटेल, प्रकाश पटेल, राजदेव पटेल, रमेश पटेल, सोनू पटेल, अजीत कुमार, देवनाथ वर्मा, मदन पटेल, बंटी पटेल, कांति पटेल, उमाशंकर पटेल, नखडू राजभर, लल्लू पटेल, मनोज पटेल, बच्चे लाल, खटाई लाल शर्मा,कल्लू यादव आदि रहे.

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