TRAI: अब फर्जी कॉल पर लगेगी लगाम, जानें कैसे ?
TRAI: देश में लगातार सामने आ रहे फोन कॉल पर फ्रॉड और स्पैम के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. जिसको लेकर दूरसंचार नियामक ट्राई ने इस परेशानी को संज्ञान में लेते हुए, इस मामले में प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के माध्यम से कॉल आने के दौरान कॉलर का रियल नाम उजागर करने की बात कही गयी है.
बीते शुक्रवार देर शाम भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इसकी सूचना दी थी. इसका नाम इंट्रोडक्शन ऑफ कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन (सीएनएपी) दिया गया है, यह भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में सीएनएपी सेवाओं पर ट्राई ने अपनी सिफारिशें दी हैं. नियामक ने बताया कि, सुझावों को दूरसंचार विभाग से मांगे जाने के बाद प्रस्तुत किया जाएंगा. दूरसंचार विभाग ने ट्राई से कॉलर की असली पहचान बताने की सिफारिश की है.
ट्राई से दूरसंचार विभाग ने मांगे थे सुझाव
मार्च 2022 में दूरसंचार विभाग यानी डीओटी ने ट्राई से इस मामले में सुझाव मांगे थे, जिसके पश्चात नवंबर 2022 में नियामक ने सीएनएपी सर्विसेज को लेकर एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था, इसके साथ ही इन सब के संबंध में कमेंट्स की मांग की थी. इसके बाद पिछले साल मार्च में इस बारे में खुला बहस हुई। इस पूरी प्रक्रिया के बाद, ट्राई ने अब अपने सुझाव बनाए हैं।
कैसा होगा कॉलर आईडी का फीचर?
ट्राई ने सुझाव दिया है कि घरेलू टेलीकम्यूनिकेशंस नेटवर्क में कॉलर आईडी फीचर अनिवार्य होना चाहिए. इसका अर्थ था कि प्रत्येक कॉल में कॉलर की असली पहचान स्पष्ट होनी चाहिए. ट्राई के अनुसार, यह ग्राहकों को ऑन रिक्वेस्ट उपलब्ध कराने वाली सप्लिमेंटरी सेवा हो सकती है. अगर प्रस्तावों पर अमल होता है, तो कॉलर का असली नाम और कॉलर का नंबर आपके मोबाइल पर जल्द ही दिखेगा. इस नंबर को लेते समय दी गई आईडी में नाम भी दिखाई देगा.
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ऐसे देगा आमजन को सुरक्षा
ट्राई की डिफॉल्ट कॉलर आईडी सेवा शुरू होने से कुछ कंपनियों को बाजार का नुकसान हो सकता है, लेकिन ग्राहकों को बड़ी राहत मिल सकती है. ट्रूकॉलर जैसी कंपनियां अभी भी कॉलर आईडी सेवा प्रदान करती हैं, लेकिन वे ग्राहकों को कॉलर का मूल नाम नहीं बता सकती है. तेजी से डिजिटल होती अर्थव्यवस्था में कॉल के जरिए फ्रॉड, प्रमोशनल कॉल और दिन भर नए नंबरों से लोगों को मिलने वाले स्पैम जैसी समस्याएं लगातार गंभीर होती जा रही हैं. नियामक के निरंतर सुझावों के बावजूद, फ्रॉड या स्पैम कॉल पर कार्रवाई नहीं हो पाई है, लोगों को कॉलर आईडी की सुविधा से इन समस्याओं से बड़ी हद तक निजात मिलती है.