Farmers Protest 2.0: दिल्ली – हरियाणा बार्डर छावनी में तब्दील
Farmers Protest 2.0: चौथे चरण की बातचीत सरकार से विफल रहने के बाद एक बार फिर दिल्ली कूच करने के लिए किसान तैयार हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर सड़कों पर उतरे किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने वाले हैं, क्योंकि अब सरकार से बातचीत की अंतिम सीमा खत्म हो चुकी है. सरकार के साथ वार्ता असफल होने के बाद किसान संगठनों ने सोमवार को ही दिल्ली कूच की घोषणा कर दी थी.
इसके साथ ही सीमाओं पर सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए है। इसमें हरियाणा में अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत तथा सिंघु बार्डर तक 40 लेयर की बैरिकेडिंग लगाई गई है. वहीं सड़कों पर गहरे गड्ढे कर दिए गए है. सिंघु बार्डर पर, दिल्ली पुलिस समेत सभी जिलों की सीमाओं पर लगभग पांच हजार पुलिस के जवानों और दो हजार अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं. पुलिस किसान संगठनों पर कड़ी नजर रखते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है.
शंभू बार्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने हैं, जिसके लिए बार्डर पर 30 से अधिक सुरक्षा कंपनियां यहां तैनात हैं. वहीं बार्डर पर आंसू गैस, वाटर कैनन और रबड़ की गोलियों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. किसानों पर दो विशेष ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है. हरियाणा के करनाल में 13 लेयर (लोहे, सीमेंट और कंटेनर) की बैरिकेडिंग की गई है.
नाइट विजन सीसीटीवी कैमरों से रख रहे निगरानी
चंडीगढ़ से दिल्ली लेन पर अधिक इंतजाम हैं. पुलिस की चार और अर्द्धसैनिक बलों की तीन टुकड़ी तैनात की गई हैं. पुलिस की चार टुकड़ी रिजर्व रखी हैं. कुरुक्षेत्र में मारकंडा पुल पर दोनों ओर अवरोधक लगा दिए गए हैं. यहां दोनों लेनों पर 16 लेयर बैरिकेड लगाए गए हैं. सड़कों पर लोहे की कील की चादर बिछाई गई है. नाइट विजन सीसीटीवी कैमरों से आसपास के क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है.
सभी सुरक्षा एजेंसी है सतर्क
चंडीगढ़ से दिल्ली लेन पर अधिक सुरक्षा व्यवस्था है. सेना की चार टुकड़ी और अर्द्धसैनिक बलों की तीन टुकड़ी तैनात हैं. पुलिस की चार टुकड़ी रिजर्व रखी गयी है, वहीं कुरुक्षेत्र में मारकंडा पुल पर दोनों ओर अवरोधक बना दिए गए हैं. यहां 16 लेयर बैरिकेड लगाए गए हैं. सड़कें लोहे की कील से ढकी हुई हैं. नाइट विजन के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
पटियाला बार्डर पर भी बैरिकेड्स लगाए गए हैं. दूसरी ओर मंगलवार को किसान कैथल बार्डर पर नहीं पहुंचे, लेकिन सैनिक तैनात कर दिए गए थे. जींद में बहुत कम किसान हैं. 700 से अधिक पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बल यहां तैनात हैं. मंगलवार को दो किसान शंभू बार्डर पर पुलिस की व्यवस्था देखने के लिए दोपहर में पहुंचे थे,जिसके बाद वे वापस लौट गए.
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”कंक्रीट की कितनी भी दीवार बना लें, सब छोटी पड़ जाएंगी”
किसान गुरदास ने बताया है कि, ”पुलिस की तैयारियों का फीडबैक शंभू बार्डर तक पहुंचाएंगे. कंटीली बाड़ और बैरिकेड्स को हटाना बड़ी बात नहीं. कंक्रीट की कितनी भी दीवार बना लें, सब छोटी पड़ जाएंगी. वहीं इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद होने के कारण करीब तीन हजार कामन सर्विस सेंटर बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं।”
सिरसा में पंजाब की ओर जाने वाली सभी मार्गों पर हरियाणा पुलिस ने गहरे गड्ढे खोद दिए हैं. टीकरी, झाड़ौदा और बहादुरगढ़ में सुरक्षा बलों की 15 कंपनियां तैनात हैं. रोहतक के आठ किमी क्षेत्र में दो मोर्चे बनाए गए हैं. नायब सैनी, हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और कुरुक्षेत्र के सांसद ने कहा कि हरियाणा-पंजाब की सीमा पर बैठे लोग किसान नहीं हैं. वहां कोई किसान नहीं खड़ा है. कांग्रेस किसानों को धोखा देती है.