अमेरिकी रपट के अनुसार , पाकिस्तान मे हिंदुओ पर हमले

0

अमेरिकी रपट में बांग्लादेश, पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले के विवरणधार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी सरकार की एक रपट में बांग्लादेश , पाकिस्तान और अन्य स्थानों पर हिंदुओ पर हुए हमलों और साथ ही फ्रांस और डेनमार्क में सिखों पर प्रतिबंधों के विवरण दिये गये हैं ।

Also read : सुरक्षा बलों ने हिजबुल कमांडर यासीन इत्तू को मार गिराया

विभिन्न देशों में हिंदुओं के खिलाफ हमलों का भी ब्योरा हैं

विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने मंगलवार को वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की 2016 के लिए अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रपट (आईआरएफआर) जारी की। रपट में भारत में अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमलों का ब्योरा दिया गया है, जिनमें से कुछ कि लिए गोरक्षकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। रपट में साथ ही विभिन्न देशों में हिंदुओं के खिलाफ हमलों का भी ब्योरा दिया गया है।

बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर काफी हमले किये गये

रपट के अनुसार, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासतौर पर हिंदुओं के खिलाफ काफी हमले किए गए। इनमें से कुछ के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अलकायदा को जिम्मेदार माना गया है।आईआरएफआर के मुताबिक, इस्लाम की आलोचना संबंधी एक फेसबुक पोस्ट के बाद पूर्वी बांग्लादेश में सैकड़ों ग्रामीणों ने 50 से अधिक हिंदू घरों और 15 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की।

पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईश निंदा के मामलों में हिंदुओं पर हमले हुए

रपट के अनुसार, आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई, जिनमें हिंदू, ईसाई, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यक शामिल थे।आईआरएफआर के मुताबिक, पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईश निंदा के मामलों में हिंदुओं पर हमले हुए। रपट में कहा गया है, “धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने और ईसाइयों, हिंदुओं, सिखों और अहमदियों के खिलाफ आधिकारिक पक्षपात दूर करने में नाकाम रही है।

फ्रांसीसी सरकार ने  पगड़ी पहनने पर प्रतिबंध लगाया हैं 

रपट के मुताबिक, ईसाई और हिंदू संगठनों के मुताबिक, इन समुदायों की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का ज्यादा जोखिम होता है।आईआरएफआर के मुताबिक, फ्रांसीसी सरकार ने सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में सिखों के पगड़ी पहनने पर रोक लगा रखी है, जबकि डेनमार्क में न्यायधीशों पर पगड़ी पहनने पर प्रतिबंध है।रपट के अनुसार, मलेशिया में अप्रैल से नवंबर 2016 के बीच कम से कम आठ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।

मलेशियाई सरकार ने विवादास्पद भारतीय इमाम जाकिर नाईक कोसंबोधन के लिए आमंत्रित किया था

आईआरएफआर के मुताबिक, “हिंदू नेताओं और एनजीओ ने यह कहते हुए कि पुलिस अपराधों के लिए संभावित धार्मिक या जातीय कारणों को नजरअंदाज कर देती है, प्रशासन से पूजा स्थलों की सुरक्षा कड़ी करने और तोड़फोड़ की घटनाओं में आतंकवादी या चरमपंथी तत्वों के शामिल होने की संभावना की जांच की करने की मांग की है।”रपट के अनुसार, मलेशियाई सरकार ने विवादास्पद भारतीय इमाम जाकिर नाईक को हिंदुओं के विरोध के बावजूद संबोधन के लिए आमंत्रित किया था। हिंदुओं ने जाकिर की मलेशिया यात्रा का विरोध करते हुए कहा था कि उसके संदेशों से हिंदुत्व का अपमान होता है और आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।

बांग्लादेश सरकार नेपीस टीवी बांग्ला पर  प्रतिबंध लगा दिया था

आईआरएफआर के मुताबिक, इसके विपरीत बांग्लादेश सरकार ने नाईक के पीस टीवी बांग्ला पर ‘आतंकवादी विचारधाराएं फैलाने’ का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिया था और उसके उपदेशों से संबद्ध ‘शांति स्कूलों’ को बंद कर दिया था।रपट में एक अजीब वाकये का भी जिक्र है, जिसमें दो मस्जिदों और एक मुस्लिम कब्रिस्तान में तोड़फोड़ को प्रत्यक्ष तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, हिंदुओं और बॉलीवुड से जोड़ा गया है।

‘गब्बर इज बैक’

आईआरएफआर के मुताबिक, सवाने जिले में अज्ञात लोगों ने लिखा था ‘ट्रंप उनके साथ हैं’ और इसका अर्थ यह समझा गया था कि ट्रंप मुस्लिमों के खिलाफ और हिंदुओं के समर्थक हैं।रपट के मुताबिक, “साथ ही अक्षरों ‘एचएसएस’ के साथ अपने दुश्मनों की हत्या के लिए मशहूर बॉलीवुड खलनायक गब्बर का जिक्र करते हुए लिखा गया था ‘गब्बर इज बैक’। इसके साथ ही एक त्रिशूल भी बनाया गया था।

रपट के अनुसार, “कयासों के अनुसार, एचएसएस का मतलब हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) है। रपट के अनुसार, हालांकि एचएसएस ने मामले से किसी भी प्रकार का संबंध होने से इंकार किया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More