Varanasi : व्यासजी के तहखाने में पूजा- पाठ की मिली अनुमति
जिला जज ने रिसीवर जिलाधिकारी को उचित व्यवस्था करने के दिये निर्देश
Gyanvapi: वाराणसी के ज्ञानवापी केस में व्यास जी के तहखाने ( tahkhane) में पूजा पाठ करने की जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने इजाजत दे दी है. जिला जज ने अपने आदेश में रिसीवर को निर्देश दिया है कि वह सेटलमेंट प्लाट नंबर 9130 थाना चौक में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ बने तहखाना जो कि वाद ग्रस्ते संपत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ( KASHI VISHVNATHTRUST ) के द्वारा निर्दिष्ट पुजारी से तहखाने में स्थित मूर्तियों का पूजा व राग भोग करायें. साथ ही इस उद्देश्य के लिए सात दिन के भीतर लोहे की बाड आदि का उचित प्रबंध करें. बीते मंगलवार को जिला जज ने मामले के दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अपने फैसले को सुरक्षित रखा था. गौरतलब है कि, साल 1993 की तत्कालीन सरकार द्वारा व्यासजी तहखाने में पूजा – अर्चना पर रोक लगा दी गयी थी.
याचिकाकर्ता की थी ये मांग
सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक व्यास ने जिला अदालत में दायर याचिका के जरिए मांग की थी कि, साल 1993 से व्यास तहखाने में पूजा – पाठ पर लगी रोक को हटाकर पूजा-पाठ का अधिकार दिया जाए. इसके साथ ही याचिका में दूसरी मांग यह थी कि, व्यास तहखाने के आगे लगाई गयी बैरिकेडिंग को भी हटा दिया जाए, जिससे की लोग पूजा – पाठ के लिए वहां पहुंच सकें क्योंकि, व्यास परिवार 1993 तक लगातार इस तहखाने में पूजा अर्चना करता रहा है. इस मांग को लेकर शैलेंद्र पाठक की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी ने उनका पक्ष अदालत के समक्ष रखा था. आपकों बता दें कि बीते 17 जनवरी को जिला अदालत के जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने जिलाधिकारी वाराणसी को ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने (विवादित संपत्ति) का रिसीवर बनाया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीएम को निर्देश दिया कि वह तहखाने को अपनी सुरक्षा में लेकर सुरक्षित रखें, उसकी स्थिति को बदलने नहीं दें.
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इंतजामिया कमेटी ने याचिका पर जतायी आपत्ति
आपको बता दें कि, व्यास तहखाने को लेकर लगातार हिंदू पक्ष की तरफ से आ रही अपील के पश्चात कोर्ट ने व्यास तहखाने को मौजूदा डीएम के हवाले कर दिया है. वहीं दूसरे पक्ष की याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता मुमताज अहमद व एखलाक अहमद ने कोर्ट के समक्ष उनका पक्ष रखा था. वही अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने शैलेंद्र की तरफ से दायर की गयी याचिका पर आपत्ति जातते हुए कहा है कि, व्यास तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद का हिस्सा है, ऐसे में व्यास तहखाने में पूजा – पाठ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मुस्लिम पक्ष के वकील अख़लाक़ अहमद का कहना है कि मुस्लिम समाज कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. जजों ने हिन्दू पक्ष के दबाव में आकर फैसला दिया है. कोर्ट ने पहले के आदेशों को ओवरलुक करते हुए फैसला सुनाया है इसलिए हम लोग इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे.