मायावती ने बसपा संस्थापक को लेकर कही ये बात…
'कर्पूरी ठाकुर को नमन...कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग'
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान मायावती ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (Bharat Ratna) दिए जाने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया और बसपा के संस्थापक कांशीराम को भी भारत के इस सर्वोच्च सम्मान से अलंकृत किए जाने की मांग की. मायावती (Mayawati) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए बिहार के पूर्व सीएम और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur ) को श्रद्धांजलि दी.
मायावती ने X पर शेयर की पोस्ट
बसपा सुप्रीमो ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ” देश में खासकर अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके उन्हें सामाजिक न्याय व समानता का जीवन दिलाने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित.”
इस दौरान मायावती ने एक के बाद एक लगातार 3 पोस्ट शेयर किया. उन्होंने दूसरी पोस्ट में लिखा कि “बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे देश के ऐसे महान व्यक्तित्व कर्पूरी ठाकुर जी को देर से ही सही अब भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत. देश के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए उनके परिवार व सभी अनुयाइयों आदि को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.”
कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग
तीसरे पोस्ट में मायावती ने लिखा, “इसी प्रकार दलितों एवं अन्य उपेक्षितों को आत्म-सम्मान के साथ जीने व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बीएसपी के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी का योगदान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय है, जिन्हें करोड़ों लोगों की चाहत अनुसार भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करना जरूरी.” मायावती की इस मांग के बाद अब बीएसपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग को तेज कर दिया है. हालांकि इससे पहले भी बसपा की ओर से कांशीराम (Kanshiram) को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठती रही है.
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार यानी कि 23 जनवरी (कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती की पूर्व संध्या पर) को बिहार के पूर्व सीएम रहे कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के फैसले के बाद राष्ट्रपति भवन (President) की ओर से इसका ऐलान किया गया था. कर्पूरी ठाकुर ने गरीब, शोषित, वंचितों, पिछड़ों, किसानों के हक के लिए हमेशा मुखर रहे. उन्होंने इनकी लड़ाई लड़़ते हुए इनके सम्मान का हक दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.