ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से बैकफुट पर आई सरकार, हुआ समझौता

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हिट-एंड-रन’ (hit-and-run) सड़क दुर्घटना कानून के नये प्रावधान के खिलाफ देशभर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बाद सरकार बैंकफुट पर आ गई. देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन के कारण जरूरत के सामानों की आपूर्ति पर असर पड़ने लगा तो गृह मंत्रालय को पहल करनी पड़ी. अब गृह मंत्रालय ने पत्र जारी कर हड़तालियों को काम पर लौटने की अपील की है. उधर, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी समझौते की बात कही है. केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद ट्रांसपोर्ट संगठन ने ड्राइवरों से हड़ताल वापस लेने की बात कही है. बताया गया कि सरकार और ट्रांसपोर्टर में सुलह हो गई और हड़ताल खत्म करने का जल्द ही एलान कर दिया जाएगा.

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गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने कहा कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 106/2 को लागू करने से पहले हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों से बात करेंगे, उसके बाद ही फैसला किया जाएगा. सरकार और ट्रांसपोर्टर इस बात पर सहमत हुए हैं कि परिवहन कर्मचारी तुरंत अपना काम फिर से शुरू करेंगे, वे ट्रक ड्राइवरों से काम फिर से शुरू करने की अपील करते हैं.
उधर, मध्यप्रदेश में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ था. इंदौर के पेट्रोल पम्प पर सुबह से लाइनें लगी हुई थी. उधर, हड़ताल के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हड़ताल तुरंत खत्म करवाकर, परिवहन बहाल करवाएं. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में एकतरफा फैसलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. संसद में संवाद के बिना ट्रक ड्राइवर्स के खिलाफ कठोर कानून बनाना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर हमला है. कानूनों के विरोध में हो रही हड़ताल से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. सरकार को ड्राइवर्स से बात कर समस्या का सर्वसम्मत हाल निकालना चाहिए.

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष ने ड्राइवरों को बताया सैनिक

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत लाल मदान का कहना है, ’’आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं हैं, हमारे सैनिक हैं. हम नहीं चाहते कि आपको किसी असुविधा का सामना करना पड़े. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दस साल की सजा बरकरार रखी है और जो जुर्माना लगाया गया था उसे रोक दिया गया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक होने तक कोई कानून नहीं लगाया जाएगा. सभी मामलों का हल निकाल लिया गया है. जल्द ही हड़ताल खत्म करने का एलान किया जाएगा. इसके अलावा यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री तेज बहादुर शर्मा ने हड़ताली चालकों, परिचालकों से अपील करते हुए कहाकि कानून लागू होने से पहले हड़ताल उचित नहीं है. कर्मचारी हड़ताल को स्थगित कर बस संचालन करें. यदि कानून लागू हुआ तो हम सब एकजुट हैं.

हड़ताल से 1800 करोड़ का कारोबार ठप, रोडवेज को नुकसान

हिट एंड रन कानून में नये प्रावधानों के विरोध में मंगलवार को भी ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल से जरूरत के समान दवाएं, सब्जियों, डीजल-पेट्रोल सहित जनपयोगी वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई. प्रदेश में करीब 18 सौ करोड़ रुपये का कारोबार ठप हुआ. शाम तक प्रदेश के एक चौथाई पेट्रोलों पर किल्लत की खबरों के कारण ऊहापोह की स्थितियां पैदा हो गईं. रोडवेज का दावा है कि बसों का ंसंचालन सोमवार की तुलना में मंगलवार को बेहतर रहा. शाम पांच बजे तक 45 प्रतिशत बसों का संचालन हुआ. रोडवेज की अनुबंधित समेत कुल 6958 बसों में से 3,812 का संचालन हुआ. लखनऊ में 520 बसों में से 172 बसें रूट पर रवाना की गईं. हालांकि दो दिन की हड़ताल से रोडवेज को प्रदेश भर में 15 करो़ड़ रुपये का नुकसान हुआ.

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