J&K: कॉलेज में तनाव बनी महबूबा की पहली चुनौती

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श्रीनगर। केंद्र सरकार के तीन अधिकारियों के एक दल ने बुधवार को कश्मीर के एक अभियंत्रण कॉलेज का दौरा किया। इस कॉलेज में एक दिन पहले ही स्थानीय और गैर-स्थानीय छात्रों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इस तनाव ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली नवगठित गठबंधन सरकार के लिए पहली बड़ी चुनौती पेश कर दी है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के निदेशक संजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के अधिकारियों एवं प्रदर्शनकारी गैर स्थानीय छात्रों से मुलाकात की। ये छात्र दो दिनों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं।

इनका आरोप है कि जब ये भारत समर्थक नारेबाजी करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन्हें लात-घूसों से मारा। घटना के बाद एनआईटी परिसर के भीतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को तैनात कर दिया गया है।

टीम ने पहले एनआईटी के निदेशक और उसके बाद प्रदर्शनकारी गैर स्थानीय छात्रों से मुलाकात की। इन छात्रों ने इस टीम को कहा कि वे कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखेंगे। उन्होंने अपने कॉलेज को श्रीनगर से घाटी के बाहर किसी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने की मांग की है।

कश्मीर में हजरत बल दरगाह के पास स्थित एनआईटी में यह समस्या तब पैदा हो गई, जब पिछले हफ्ते टी-20 विश्वकप क्रिकेट में भारत वेस्टइंडीज से हार गया। परिसर में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्थानीय छात्र वेस्टइंडीज का समर्थन कर रहे थे जबकि गैर स्थानीय छात्र भारत के समर्थन में थे। वेस्टइंडीज की जीत के बाद पटाखों की गूंज सुनाई देने लगी। इससे गैर स्थानीय छात्र कॉलेज के स्थानीय छात्रों के खिलाफ उत्तेजित हो गए।

मैच के एक दिन बाद गैर कश्मीरी छात्रों ने ‘भारत माता की जय’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। इसके बाद स्थानीय छात्र भी जमा हुए और आजादी के समर्थन में और भारत के खिलाफ नारेबाजी की। इससे उपजे तनाव को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने चार अप्रैल तक कक्षाएं रद्द कर दीं।

इसी बीच मंगलवार को करीब 500 गैर स्थानीय छात्रों ने तिरंगा झंडा लिए और ‘भारत माता की जय’ नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला। पुलिस ने उन्हें परिसर के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया था। इन छात्रों ने पुलिस पर परिसर में घुसकर छात्रों को पीटने का आरोप लगाया।

यह भी कहा गया है कि पुलिस ने कुछ विकलांग छात्रों को भी धक्का दे दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पत्थरबाजी करने का आरोप लगाया है। छात्रों ने इससे इनकार किया है।

इस केंद्रीय दल को मंगलवार को हुई झड़प के कारणों का पता लगाने के लिए कहा गया है। छात्रों ने आशंका जताई कि 11 अप्रैल से शुरू हो रही परीक्षाओं उनके साथ अनुचित व्यवहार हो सकता है।

इस पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सूरत में कहा कि परीक्षा समाप्त होने तक यह टीम वहीं रहेगी। परिसर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।

एनआईटी के मुताबिक, चार वर्षीय डिग्री कोर्स के तीसरे वर्ष के लगभग 500 गैर स्थानीय छात्र और कुछ नए छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं, जबकि अन्य स्तरों के 1,000 अन्य गैर स्थानीय छात्र कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं।

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