20 दिसंबर से निकलेगी कांग्रेस की ‘यूपी जोड़ो यात्रा’
प्रदेश अध्यक्ष ने 37 सदस्यीय टीम का किया गठन
लखनऊ: देश के तीन राज्यों में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. यही कारण है कि लोकसभा 2024 की तैयारी को लेकर पार्टी ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है. बता दें कि लोकसभा 2024 के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने यूपी जोड़ो यात्रा निकालने जा रही है. इसके लिए यूपी कांग्रेस कमेटी ने 20 दिसंबर से शुरू होने वाली उत्तर प्रदेश जोड़ो यात्रा के लिए 36 सदस्य कमेटी का गठन किया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेश दीक्षित की अध्यक्षता वाली इस समिति में अन्य लोगों के अलावा मनोज यादव, पंखुड़ी पाठक को भी जगह मिली है. यूपी जोड़ो यात्रा को परिवर्तन यात्रा भी कहा जा रहा है जो उत्तर प्रदेश में 20 दिसंबर को पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले से शुरू होगी. यात्रा मुजफ्फरपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और फिर सीतापुर में खत्म होगी. आपको बता दें कि यात्रा 20 दिन चलेगी और 10 जनवरी को समाप्त होगी.
यात्रा का मुख्य लक्ष्य
आपको बता दें कि यूपी जोड़ो यात्रा का मुख्य लक्ष्य है कि इस यात्रा के जरिए अधिक से अधिक लोग कांग्रेस की नीतियों और उसके उद्देश्य को समझ सके. उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचना है जिनकी वर्तमान सरकार द्वारा अनसुनी की जा रही है. प्रदेश में अधिक संख्या में युवा और किसान संघर्ष कर रहे हैं जबकि मुसलमान समुदाय को विभिन्न क्षेत्रों में बार-बार बेफिजूल हमले का सामना करना पड़ रहा है इसलिए यात्रा के दौरान हमारा ध्यान इन वर्गों पर रहेगा.
यात्रा से पहले आरएलडी और सपा ने शुरू की तैयारी
बता दें कि तीन राज्यों में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग नहीं होने से नाराज अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ मिलकर प्रदेश में चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव प्रदेश की 65 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जबकि 15 सीटें आरएलडी और कांग्रेस के लिए छोड़ेंगे.
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सपा के साथ JDU का समर्थन
लोकसभा चुनाव में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूपी से चुनाव लड़ सकते हैं. कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से होकर जाता है और नितीश खुद को इंडिया गठबंधन के पीएम चेहरे के रूप में देखते हैं. चर्चा है कि नीतीश कुमार प्रयागराज के फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं इसलिए वह 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रैली करने वाले थे लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण रैली को स्थगित कर दिया गया है.