Kartik Purnima : गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन को उमड़ा हजूम..

काशी में प्रमुख घाटों पर भोर से ही जुटने लगी थी भीड़

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Kartik Purnima 2023 : कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के अवसर पर पुण्य लाभ की कामना से सोमवार को काशी में गंगा स्नान और श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का हजूम उमड़ पड़ा. शहर के प्रमुख घाटों के अलावा रामनगर के बलुआ घाट पर स्नानार्थियों की अपार भीड़ रही. उधर, घाट पर स्नान के दौरान स्थानीय पुलिस, पीएसी के अलावा एनडीआरएफ आधुनिक संसाधनों के साथ गंगा में लगातार चक्रमण करती रही. पुलिस व प्रशासनिक अफसर भी मोटरबोटों से स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.

अनुमान से अधिक पहुंचे श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए आनेवाले आस्थावानों की भीड़ का अनुमान प्रशासन ने पहले से लगाकर प्रमुख घाटों व मार्गों पर प्रबंध किये थे. लेकिन भीड़ अपेक्षा से कहीं अधिक पहुंच गई. इससे व्यवस्था संचालन में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों, कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दशाश्वमेध घाट पर भोर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. इनमें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की संख्या अधिक रही. सुबह सात बजे तक दशाश्वमेध और आसपास के घाटों पर तिल रखने की जगह नहीं थी. डा. राजेंद्र प्रसाद घाट, शीतला घाट से लगायत मुंशी घाट तक और उधर मानमंदिर घाट तक गंगा में डुबकी लगाकर पुण्यलाभ की कामना से आये श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर तक रही.

पंचगंगा घाट पर स्नान का विशेष महत्व

कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी के पंचगंगा घाट पर स्नान का विशेष महत्व माना गया है, इसलिए यह घाट श्रद्धालुओं से भरा पड़ा था। महिलाएं स्नान के बाद दीपदान और भगवत भजन में लीन रहीं. नमो घाट पर भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति रही. अस्सी घाट और आसपास का क्षेत्र स्नानार्थियों से अट गया था.

घाटों तक पहुंचने में करनी पड़ी भारी मशक्कत

उधर, मुगलसराय, दुलहीपुर, रामनगर और आसपास के क्षेत्रों के अलावा चंदौली, मिर्जापुर से आनेवाले श्रद्धालु बलुआ घाट पहुंचे. स्नानार्थियों की सुविधा और भीड़ के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए जल पुलिस, पीएसी के गोताखोर, एनडीआरएफ की टीमें लगातार गश्त करती रही. प्रमुख घाटों पर अत्यधिक भीड़ की स्थिति यह रही कि एक-दूसरे से रगड़ते हुए लोग पैदल किसी तरह निकल पा रहे थे. घाटों तक पहुंचने और निकलने में भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी रही. आसपास की गलियों में पैदल यात्रियों का रेल चल रहा था.

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दर्शन को लगी रही लंबी कतार

इधर, दशाश्वमेध घाट से स्नान के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए लम्बी कतार लगी रही. दशाश्वमेध घाट स्थित चितरंजन पार्क से गोदौलिया चौराहा, बांसफाटक होते हुए गेट नम्बर चार से प्रवेश कर दर्शनार्थी दर्शन कर पा रहे थे. लम्बी लाईन के कारण दो से चार घंटे में लोगों को बाबा विश्वनाथ के दर्शन मिल सका. मैदागिन से गेट नम्बर चार तक दर्शनाथियों के आने-जाने का सिलसिला बना रहा. विभिन्न जिलों और प्रांतों से आये दर्शनार्थी भी कतार में शामिल होते जा रहे थे.

दर्शनार्थियों, श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मैदागिन, बेनियाबाग, गुरूबाग, सोनारपुरा, भेलूपुर से गोदौलिया की ओर आनेवाले सभी मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लागू कर दिया था. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद टोटो चालक गलियों से प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच जा रहे थे। पुलिस उन्हें खदेड़ती नजर आयी. कई वाहनों का चालान करना पड़ा. भीड़ को रेलवे व बस स्टेशनों से लाने और ले जाने वाले आटो व टोटो चालकों की चांदी रही.

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