सभी मजदूर हैं सुरक्षित, एक माह तक रहना पड़ सकता है टनल में
राहत कार्य में जुटे विदेशी एक्सपर्ट ने दिया बयान
उत्तरकाशी: सिलक्यांरा टनल में फसें 41 मजदूरों को बहार निकलने को लेकर अब सवाल खड़े हो गए है. सभी लोग इस आस में है की जल्द ही यह मजदूर बाहर आएंगे. टनल में फसें मजदूरों के लिए सभी लोग प्रार्थना कर रहे है. मजदूरों को बचने के लिए ऑपरेशन जोर- शोर से जारी है और इस बचाव अभियान में PMO की भी नजर बनी हुई है. इतना ही नहीं बीते दो हफ़्तों से रोज सुबह अच्छी खबर की आस लगाई जा रही है. इसी बीच टनल खुदाई करने वाले विदेशी एक्सपर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी समय लगेगा जिसके चलते सभी मजदूरों को निकालने के लिए करीब एक माह का समय लगेगा.
मजदूरों को निकालने में लगेगा एक माह का समय…
अंतर्राष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने बड़ा ब्यान देते हुए कहा की सभी मजदूर सुरक्षित क्रिसमस तह अपने घर में होंगे. उनसे पूंछा गया की क्या मजदूरों को बाहर निकालने में एक माह का समय लग जायेगा क्या? . उन्होंने उत्तर दिया की आज से एक महीने के बीच तक कुछ और समय लगेगा क्यूंकि टनल से कुल 41 मजदूरों को बाहर निकालना है. डिक्स ने कहा की सभी मजद्दोर सुरक्षित अपने घरों में होंगे.
क्रिसमस तक घरों में होंगे मजदूर…
डिक्स ने कहा की अभी हमे भी नहीं मालूम की मजदूर किस दिन टनल से बाहर निकलेंगे,लेकिन आस यह है की मजदूर जल्द ही टनल से बाहर आएंगे. हमको इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. सबसे जरूरी बात यह है की सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आएं.
मैंने नहीं किया कोई वादा- डिक्स
डिक्स ने कहा की मैंने अभी भी यह वादा नहीं किया की वह जल्द बाहर आएंगे. मैंने यह भी नहीं कहा की यह रेस्क्यू ऑपरेशन आसान होगा. मई यह भी नहीं कह सकता की मजदून को आज या कल टनल से बाहर निकाल लिया जायेगा.
डिक्स ने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए जिस अगर मशीन से ड्रिल किया जा रहा था वह खराब हो गई है. उन्होंने कहा की बचाव दल अब लंबवत व् हाथ से ड्रिलिंग करने पर विचार कर रही है.क्यूंकि अगर मशीन से ड्रिल करने से कई दिनों से बधाई आ रही थी.
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उन्होंने आगे कहा की सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा की जो हम तरीके अपना रहे है उसके अपने फायदे और नुकसान है. हमे बचावकर्मयों के साथ -साथ मजदूरों के भी रक्षा करनी है. अभियान में लगी कई एजेंसियों का लक्ष्य है की वह बचावकर्मियों और मजदूरों को सुरक्ष प्रदान कर सके.